उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार ने किया तांदी संगम घाट का संयुक्त  निरीक्षण

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प्रारंभिक तौर पर 88  लाख की धनराशि होगी तांदी संगम घाट  प्रोजेक्ट पर, इको टूरिज्म के तहत किया जाएगा निर्माण कार्य

 उपायुक्त लाहौल  स्पीति राहुल कुमार

 हरिद्वार व बनारस की तर्ज पर होगा घाटों का निर्माण

 लोक निर्माण विभाग तांदी प्रोजेक्ट  के प्राक्कलन का  करे गा पुनर्मूल्यांकन

तूफान मेल न्यूज ,केलांग 9 मई

 जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के हिंदू एवं बौद्ध समुदाय के धार्मिक आस्था का केंद्र तांदी संगम घाट प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जिला प्रशासन  द्वारा जल्द ही शुरू करने जा रहा है | उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार ने आज तांदी संगम घाट का संयुक्त रूप से निरीक्षण करने के उपरांत यह जानकारी दी |

 संयुक्त निरीक्षण में पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी, वन मंडल अधिकारी  अनिकेत बानवे, एसडीएम रजनीश शर्मा  व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी मौजूद  रहे |

उपायुक्त ने बताया कि  इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले आधारभूत ढांचे का निर्माण वन विभाग  की गठित  ईकोटूरिज्म सोसाइटी के माध्यम से निर्मित करवाया जाएगा  |

 उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार किए गए  प्राक्कलन को  वन विभाग के समन्वय से पुनर्मूल्यांकन कर निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा जिसके लिए स्वीकृत  88 लाख रुपए की धनराशि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रारंभिक तौर पर सौंदर्य करण  कार्यों पर  व्यय की जाएगी

 उपायुक्त ने  यह भी बताया कि तांदी संगम घाट हिंदू एवं बौद्ध समुदाय के लोगों का धार्मिक आस्था का प्राचीनतम समय से यह केंद्र रहा है| यह घाट चंद्रा एवं भागा नदी का संगम स्थल है और धार्मिक आस्था के मुताबिक यहां अस्थियों का विसर्जन आदिकाल से किया जाता है जिस का पौराणिक महत्व   भी है और यह स्थल मोक्षदायिनी माना गया है

 उपायुक्त ने यह भी कहा कि  यह प्रोजेक्ट प्रदेश सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है और माननीय विधायक रवि ठाकुर ने भी  अपने कार्य योजना में प्राथमिकता में शुमार किया  है |

 उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश जारी किए  कि इस वित्तीय वर्ष इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर तय निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में तीव्र गति से  कार्य आरंभ करें |

 उपायुक्त ने  बताया कि  परियोजना के  ब्लूप्रिंट में घाट की तीनों छोर के महत्व को फोकस  किया गया है | जिसमें मुख्य रूप से भूस्खलन रोकथाम  व तटीय करण और  वनीकरण आरंभिक कार्यों में शामिल रहेगा  | शेष कार्य  परियोजना में शामिल ड्राइंग के मुताबिक व लोगों के बहुमूल्य सुझावों के तहत करवाए जाएंगे |

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