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तूफान मेल न्यूज,सैंज।
कांग्रेस नेत्री और जिला परिषद कुल्लू की पूर्व अध्यक्ष रोहिणी चौधरी ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रस्तुत पहले बजट की सराहना की है। उन्होंने इसे चुहुमुखी विकास की नई गाथा बताया है। रोहिणी ने कहा है कि यह बजट प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा किए जाने वाले विकास की नई इबारत लिखेगा। पूर्व जिप अध्यक्ष ने कहा है कि बजट विकास के साथ-साथ बेरोजगारी दूर करने व युवाओं को स्वरोजगार देने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं 1500 रुपए चरणबद्ध तरीके से दिए जाएंगे और 1972 के लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव कर पैतृक संपत्ति पर बेटे व बेटी को समान अधिकार की घोषणा का महिलाओं ने जमकर स्वागत किया है। इस घोषणा से साबित होता है कि सुक्खू सरकार ने महिलाओं को आगे बढ़ने व एक समान दर्जा देने के वादे को पूरा किया है।उन्होंने कहा है कि इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है।
इसके लिए उन्होंने बजट के लिए प्रदेश सरकार के साथ-साथ प्रदेश के लोगों को बधाई दी हैं। बजट को एतिहासिक बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में कई नई स्कीमें लाई गई हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधारित बजट है, जिसमें कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि दूध गंगा योजना शुरू कर इसके लिए 500 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। बजट में हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए इलेक्ट्रिक बसें, गाड़ियों के संचालन के लिए कदम उठाए गए हैं, जिससे कि राज्य का पर्यावरण साफ रहे। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के साथ ही आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में हर वर्ग को कुछ न कुछ दिया है।कर्मचारियों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि इस बजट से हिमाचल का आने वाले समय में विकास होगा। रोहिणी चौधरी ने कहा है कि सरकार का यह बजट नई सोच के साथ आया है। हिमाचल को इसमें ग्रीन एन्रीज स्टेट बनाने की बात कही गई है। सरकार ई-बसों, ट्रकों, ट्रैक्सियों के साथ ही चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर 50 फीसदी सब्सिडी देने का प्रावधान सरकार ने किया है।इससे हिमाचल में रोजगार तो बढ़ेगा ही साथ में पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसमें महिलाओं, युवाओं सहित अन्य सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। बजट में चुनावी गारंटियों और वादों का जिक्र किया है और इसके लिए धन का भी प्रावधान भी किया गया है।
रोहिणी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 2026 तक राज्य को ग्रीन एनर्जी राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2023-24 में 500 मैगावाट सौर ऊर्जा क्षमता की परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मैगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छह राष्ट्रीय एवं उच्च मार्गों को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के साथ-साथ प्राइवेट बस ऑपरेटरों, ट्रक ऑपरेटरों को ई-ट्रक अथवा बस की खरीद के लिए पचास प्रतिशत उपदान दिया जाएगा। बजट में 20 हजार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी की खरीद पर 25 हजार रुपए के उपदान का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बस अड्डा निर्माण एवं प्रबन्धन प्राधिकरण ने वर्ष 2023-24 में 12 बस अड्डों के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभिन्न सुविधाओं की जानकारी के लिए जी.आई. आधारित व्हीकल लोकेशन एप तैयार करने के साथ-साथ हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में डिजिटल फेयर कलैक्शन सिस्टम लागू करने के लिए नवोन्मेषी प्रयास किए गए हैं। उन्होंने बजट को नवाचार केन्द्रित बताया।
रोहिणी ने कहा कि बजट में प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए महत्वाकांक्षी प्रयास किए गए हैं। प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार एवं स्टार्ट-अप सहायता प्रदान करने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार योजना आरंभ करने की घोषणा की गई है। साथ ही सरकार ने नई औद्योगिक निवेश नीति लाने की घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश सरकार ओपन आर्म पॉलिसी का अनुसरण करेगी और मौजूदा एकल खिड़की प्रणाली को ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन में परिवर्तित किया जाएगा। यह ब्यूरो राज्य में रोजगार सृजन में मददगार होगा और प्रदेश को आदर्श निवेश मित्र राज्य के रूप में विकसित करने में भी सहायक होगा। राज्य में वित्त वर्ष 2023-24 में विनिर्माण, पर्यटन, ऊर्जा, निर्माण व आवास इत्यादि क्षेत्र में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश लाने के प्रयास किए जाएंगे जिससे लगभग 40 हजार प्रत्यक्ष और 50 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला, एक उत्पाद को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में यूनिटी मॉल का निर्माण किया जाएगा। इससे हिमाचल प्रदेश के जी.आई. उत्पाद, हस्तशिल्प उत्पाद और अन्य राज्यों के हस्तशिल्प उत्पाद एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाये जाएंगे।