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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू
जिला कुल्लू के मनाली उप मंडल के ब्राण में संत निरंकारी मिशन ने परम आदरणीए शिवराम ब्राणी के 10 सितंबर को नश्वर शरीर त्यागकर ब्रह्मलीन होने पर प्रेरणा दिवस के रूप में सत्संग का आयोजन किया। इस मौके पर खौदा ब्रांच के मुखी माहात्मा एवं प्रचारक डॉ. प्रवीण कुमार आचार्य ने सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से आयी हुई संगत को प्रेरणादायक वचनों से आशीर्वाद दिया।
इस सत्संग कार्यक्रम में बागीपुल, आनी, बंजार, सैंज, भूंतर, कुल्लू, वैंची, कटरांई, ब्रांण, मनाली व लाहौल-स्पीति के अलावा गोहर, पंडोह, खंडीयाल, मंडी, डडौर, विलासपुर, सोलन शिमला व सरकाघाट के अलावा कोलकाता, मुम्बई, पंजाब, लुधियाना, चंडीगढ़, आजमगढ़, उत्तरप्रदेश, नोएडा दिल्ली, किश्तवाड़ जे एंड के आदि से सैंकड़ों माहात्माओं ने आशीर्वाद प्राप्त किया। डाॅ. प्रवीण कुमार आचार्य ने अपने वचनों में फ़रमाया कि 84 लाख योनियों में भ्रमण करने के पश्चात हमें मनुष्य देह प्राप्त हुई है। इसमें हमारा मुख्य कर्तव्य परमात्मा प्राप्ति का है इसको सत्गुरु द्वारा प्राप्त किया जा सकता है और जाना जा सकता है इसलिए समय रहते इस निरंकार प्रभू का दीदार करके भ्रमों से मुक्त होकर ब्रह्म की प्राप्ति का मार्ग चुनना है। संसार में प्रत्येक प्राणी की मृत्यु होती है केवल संत माहात्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहीं मानव जीवन का मकसद है। प्राणी का इस संसारिक यात्रा को पूरी करके जाना पूर्व निर्धारित है। सभी बलियों पीरों पैंगम्बरों ने इस नश्वर शरीर का त्याग किया है। उसमें फर्क सिर्फ यह है कि एक को सिंघासन मिलता है और एक जंजीर में बंध जाता है। यह संतों ने फ़रमाया है।
“आए हैं सो जाएंगे राजा रंक फकीर
एक सिंघासन चढ़ी चले एक बंधे जंजीर”