तुफान मेल न्यूज, कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्र से आने वाली पहली महिला वैज्ञानिक सुश्री राधिका सूद को जर्मनी के प्रतिष्ठित कार्लज़ूए इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) में तीन महीने के लिए अतिथि वैज्ञानिक के रूप में शोध करने का गौरव प्राप्त हुआ है।

DST INSPIRE फेलोशिप धारक सुश्री सूद का यह KIT में दूसरा दौरा है। इससे पहले, उन्हें पिछले वर्ष एक महीने के लिए शोध कार्य के लिए आमंत्रित किया गया था।सुश्री सूद वर्तमान में CSIR-राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CSIR-NEERI) में पीएचडी कर रही हैं।

उनका शोध कार्य ‘मानव जीवन पर प्रकृति के अमूर्त योगदान’ (Non-material Nature’s Contribution to People – NCP) को समझने पर आधारित है। उनका अध्ययन क्षेत्र ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है और यह अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। अपने शोध के माध्यम से, सुश्री सूद प्रकृति द्वारा मानव कल्याण को प्रदान किए जाने वाले सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सौंदर्य संबंधी लाभों का आकलन कर रही हैं।KIT में तीन महीने के इस दौरे के दौरान, उन्हें अपने शोध में नए वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकीताओं को समझने का अवसर मिलेगा। विश्वभर में विख्यात यह संस्थान सुश्री सूद को अत्याधुनिक शोध सुविधाएं, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ सहयोग का अवसर प्रदान करेगा। इस यात्रा से उनके शोध में नई दिशा मिलेगी और उनके कार्य में नई प्रगति होगी।सुश्री राधिका सूद की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के दूरस्थ और ऊंचाई वाले क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनके समर्पण और अनोखे शोध ने यह साबित किया है कि प्रकृति के मूल्यों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनका यह काम विज्ञान के क्षेत्र में कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन रहा है।इस नए अवसर के साथ, सुश्री सूद अपने शोध में और भी महत्वपूर्ण प्रगति करेंगी और उनका यह सफर विशेषकर महिला वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।