मुख्यमंत्री के दरबार में जाने की तैयारी में है सैंज के बाढ़ प्रभावित ,ग्रामीण बैठक में लिया निर्णय प्रशासन की कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं प्रभावित डेढ़ वर्ष बीत जाने के बावजूद भी ना मिला मुआवजा, ना हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम


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तुफान मेल न्यूज, कुल्ल।सैंज घाटी के बाढ़ प्रभावित लोग पिछले डेढ वर्षों से उपायुक्त कल्लू और एसडीएम बंजार के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं और प्रशासन बाढ़ प्रभावितों को आश्वासन पर आश्वासन देकर अपना पल्लू झाड़ रहे हैं। जिस कारण सैंज क्षेत्र के बाढ़ प्रभावितों का गुस्सा प्रशासन और सरकार के प्रति सातवें आसमान पर है। मंगलवार को सैंज के नालागढ़ में सैंज वैली विकास समिति के बैनर तले प्रधान बुध राम की अध्यक्षता में सैंज बाढ़ प्रभावितों की बैठक हुई। जिसमें सैंज घाटी के बाढ़ प्रभावितों ने निर्णय लिया है कि अब एक बार वह मुख्यमंत्री के दरबार में अपनी समस्या को लेकर इसी महीने शिमला जाएंगे । यदि प्रदेश सरकार भी उनकी समस्याओं का हल नहीं करती है तो वह आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेंगे। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई । बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रस्ताव पारित किया गया।सैंज वैली विकास समिति के प्रधान बुध राम ने बताया कि सैंज बाढ़ प्रभावित परिवारों को एक साल दो महीने गुजर जाने के उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा घोषित पूर्ण आपदा अथवा आंशिक आपदा राहत राशि की दूसरी किस्त नहीं दी गई हैऔरकुछ परिवारों की सम्पूर्ण भूमि या तो बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गई है या फिर भूस्खलन के खतरे में आ चुकी है। उन परिवारों को गृह निर्माण हेतु सुरक्षित स्थानों पर 3 विस्वा भूमि दिए जाने की मुख्यमंत्री महोदय ने घोषणा की थी लेकिन उसे पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष सैंज नदी में आई बाढ़ के कारण कुछ सैंज बाजार में किराएदारों को आपदा राहत राशि अभी तक भी नहीं मिली। पारित किए गए प्रस्ताव में बाढ़ प्रभावित लोगों ने मुख्यमंत्री महोदय से मांग की है कि 2023 में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए सामान व किराएदारों को जल्द राहत राशि मिलनी चाहिए ।सैंज पिन पार्वती नदी, निहारनी डैम से बिहाली लारजी तक के गांवों की फसल बाढ़ में तबाह हुई है। उन्हे भी तुरंत फसल का मुआबजा दिया जाए ।और 9,10 जुलाई में आई बाढ़ में हुए नुकसान, घराट, गौशाला, बाग बगीचे, फिश फार्म बाढ़ में बह गए। उन परिवारों को भी राहत राशि मिलनी चाहिए । उन्होंने कहा कि एनएचपीसी चरण ।।। बिहाली डैम सिउन्ड से सोती, सैंज बाजार, बक्सहाल टापू, खरटला, तरेडा, तलाड़ा, स्पांगणि, बिहाली, लारजी तक पिन पार्वती नदी सैंज नदी के किनारे बसे गांवों की भूमि व मकानों को भूमि अधिग्रहण किया जाए और क्योंकि एनएचपीसी और एसपीपीसीएलके बांधों से उक्त क्षेत्रों को बहुत खतरा बना हुआ है।उन्होंने बताया कि सैंज हनुमान मंदिर से फॉरेस्ट नर्सरी बकशाहल गाँव तक की सड़क 800 मी0 पूरी क्षतिग्रस्त हुई है। यह सड़क हर साल एनएचपीसी चरण III डैम के पानी छोड़ने से क्षतिग्रस्त हो रही है। इसीलिए एनएचपीसी चरण III को आदेश देकर कंक्रीट दीवार व क्रेट वायर लगाकर बकशाहल गाँव की सड़क को तुरंत बहाल करने के लिए निर्देश दें। ताकि भविष्य में कोई जान माल का नुकसान न हो। बुधराम ने बताया कि उक्त मांगों को उन्होंने कई मर्तबा उपायुक्त कुल्लू और एसडीएम बंजार को लिखित रूप में दिया है लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें आश्वासन ही मिलता रहा है उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह और सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर से मांग की है सैंज वैली बाढ़ प्रभावितों की मांगों पर गौर की जाए।इस मौके पर उनके साथउप प्रधान पूर्ण चंद ,कब्जा देवी ,सचिव प्रेम देवी, करदार जगरनाथ, उदय राम,भूरी सिंह, राजकुमार देवेंद्र कुमार ,कांशीराम प्रेमचंद शर्मा सहित अन्य कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे।

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