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-किशोरी लाल के आने से भी कांग्रेस को नहीं मिली कोई खास बढ़त-परस राम,पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी
-अपने गिरेबान में झांक कर ही मुझ ओर आरोप लगाएं किशोरी लाल-लोकेंद्र कुमार,भाजपा विधायक
तुफान मेल न्यूज, आनी।
आनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर तीन बार चुनाव लड़ चुके और दो बार विधायक रहे किशोरी लाल सागर ने 2 मई को भाजपा का दामन छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
जबकि चर्चा यह भी है कि एक महीने पहले कांग्रेस में शामिल हुए किशोरी लाल सागर खुद को कांग्रेस के टिकट का दावेदार मानने लगे हैं और चुनाव प्रचार के दौरान उनके हाव भाव भी ऐसा ही कुछ बयान कर रहे थे।
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लेकिन कांग्रेस में पूर्व प्रत्याशी रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी परस राम और गत विस चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े प्रतिभा सिंह गुट के बंसी लाल के होते हुए किशोरी लाल सागर कांग्रेस में खुद को कितना और कैसे स्थापित कर पाएंगे, यह चर्चा का विषय है।
क्योंकि परस राम एक बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, जबकि गत विधानसभा चुनावों में टिकट न मिलने पर आजाद चुनाव लड़कर भाजपा और कांग्रेस को नाकों चने चबवा चुके हैं, और वर्तमान में कांग्रेस में फिर से वापसी कर चुके हैं।
जबकि बंसी लाल भी गत चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।
ऐसे में जगजाहिर है कि कांग्रेस के दोनों मजबूत धड़ों के नुमाइंदे बंसी लाल और परस राम हाल ही में कांग्रेस में आये किशोरी लाल सागर को किसी तरह की दावेदारी किसी हाल में भी पेश तो नहीं करने देंगे।
जबकि लोकसभा चुनाव खत्म होते ही किशोरी लाल सागर की अहमियत भाजपा और काँग्रेस में उतनी नहीं रही जितना शोर पहले लग रहा था।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान भाजपा के विधायक लोकेंद्र कुमार और कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी परस राम ने जिस तरह से पूर्व विधायक पर निशाना साधा है ऐसे में अब चर्चा है कि क्या कांग्रेस में शामिल होने का किशोरी लाल सागर या कांग्रेस को कोई फायदा मिल पायेगा ?
हालांकि भाजपा छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल होते ही एक जनसभा के दौरान आत्मविश्वास से भरपूर किशोरी लाल सागर ने कहा कि वे कांग्रेस प्रत्याशी को आनी विधानसभा क्षेत्र से 20 हजार मतों की बढ़त दिलवाएंगे।
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लेकिन हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान आनी कांग्रेस के पूर्व में प्रत्याशी रहे परस राम ने कहा कि किशोरी लाल सागर के कॉंग्रेस में शामिल होने पर फिलहाल कांग्रेस को कोई ज्यादा फायदा नहीं मिला है। हालांकि उन्होंने यह माना कि किसी दूसरे दल से आने पर थोड़ा बहुत फायदा तो मिलता है। लेकिन इन चुनावों में ऐसा अभी तक देखने को नहीं मिला
उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में आनी विधानसभा क्षेत्र से करीब 7200 मतों की बढ़त प्रतिभा सिंह को मिली थी, जबकि किशोरी लाल सागर के आने के बाद उम्मीद थी कि कांग्रेस की बढ़त 15000 तक पहुंचेगी , लेकिन यह 8300 पर सिमट गई है। जो कांग्रेस के सत्तासीन होने के बावजूद बहुत ज्यादा नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि किशोरी लाल सागर के अपने गृह क्षेत्र के थोड़े बहुत बूथों में ही बढ़त है, बाकी कोई खास नहीं।
जबकि गत विधानसभा चुनावों में किशोरी लाल सागर को निर्दलीय चुनाव लड़ने पर साढ़े 6 हजार से ज्यादा मत पड़े,जबकि इन लोकसभा चुनावों में किशोरी लाल सागर उन साढ़े 6 हजार मतों को भी कॉंग्रेस के पक्ष में नहीं ला सके हैं।
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वहीं किशोरी लाल सागर का टिकट काटकर वर्तमान में भाजपा के विधायक बने लोकेंद्र कुमार का कहना है कि किशोरी लाल सागर आज जिस भी मुकाम पर हैं भाजपा की देन से है।
भाजपा ने 15 साल तक 3 बार किशोरी लाल सागर को टिकट दिया, और इसी पार्टी में रहकर उनका आज नाम बना, ऐशो आराम और शानोशौकत मिली।
अब अगर उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है तो यह उन्होंने बुद्धिमत्ता से फैसला लिया होगा और उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।
हाल ही के चुनाव प्रचार में किशोरी लाल सागर ने जिस तरह से उन पर जनता के बीच न जाने या क्षेत्र का विकास न करवा पाने सहित कई अन्य आरोप लगाए हैं, उन पर लोकेंद्र कुमार ने कहा कि किशोरी लाल सागर को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए उसके बाद दूसरों पर उंगली उठानी चाहिए।
भाजपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा किशोरी लाल सागर को नकारना कहीं न कहीं संकेत दे रहा है कि
अपने नए घर कांग्रेस में किशोरी लाल सागर की राह आसान नहीं है।
अब देखना यह है कि किशोरी लाल सागर क्या वाकई खुद को कॉंग्रेस का दावेदार बना पाएंगे या फिर पहले से ही दो गुटों में बंटी कांग्रेस में हाशिये पर धकेल दिए जाएंगे।