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तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। कांग्रेस से टिकट के इंतजार में बैठे रहे पूर्व मंत्री राम लाल मार्कंडेय को आखिर कांग्रेस ने धोखा दे दिया। अब राम लाल मार्कंडेय ने कहा है कि वह कल मंगलवार को लाहुल पहुंच रहे हैं और जो जनता कहेगी वोही करूंगा। जनता चुनाव लड़ने को कहेगी तो जरूर लड़ूंगा। गौर रहे कि राम लाल मार्कंडेय को पहले भाजपा ने धोखा दिया।
इसके बाद उन्होंने आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का एलान किया था और चुनावी सामग्री पोस्टर आदि तक के ऑर्डर दे दिए थे। लेकिन बीच में कांग्रेस के कुछ बरिष्ठ नेताओं ने उनसे संपर्क किया और टिकट का आश्वासन दिया था जिस कारण मार्कंडेय टिकट का इंतजार करते रहे। लेकिन रविवार रात कांग्रेस ने टिकट जिला परिषद अध्यक्ष अनुराधा राणा को दिया। जिस कारण अब मार्कंडेय के पास आजाद चुनाव लड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं रहा है। मार्कंडेय कल लाहुल पहुंच रहे हैं और अपने समर्थकों की राय लेने के बाद अपना आगामी फैसला लेंगे। सूत्रों के अनुसार राम लाल मार्कंडेय का टिकट कांग्रेस में लगभग पक्का था लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को उनकी एंट्री से अपने भविष्य के लिए खतरा महसूस हो रहा था। जिस कारण वह दोनों नेता मार्कंडेय को टिकट न देने के लिए जोर आजमाइश करते रहे। बताया जा रहा है कि एक नेता ने तो इस्तीफा देने तक की धमकी दे डाली थी। जिस कारण कांग्रेस हाईकमान दवाब में रहे जिसका सीधा कारण यह था कि विधानसभा में कांग्रेस के पास विधायकों का संख्याबल कम न हो जाए। लिहाजा अब देखना है कि लाहुल की जनता व उनके समर्थक क्या निर्णय लेते हैं। यदि मार्कंडेय आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे तो दोनों बड़े दलों के उमीदवारों के लिए खतरा बन सकते हैं। वहीं यदि मार्कंडेय चुनावी मैदान में नहीं उतरते हैं तो उनके समर्थक व मार्कंडेय किसको समर्थन करते हैं यह भी बड़ी बात रहेगी। जिस को भी मार्कंडेय समर्थकों का साथ रहेगा उस प्रत्याशी के बारे न्यारे होंगें। लेकिन फिलहाल यह स्थिति बनती नजर नहीं आ रही है। भाजपा से इस्तीफा दे चुके पूर्ण मंत्री मार्कंडेय रवि ठाकुर को कभी भी किसी भी सूरत में समर्थन नहीं दे सकते। ऐसी स्थिति कांग्रेस के साथ है। जिस पार्टी ने टिकट का आश्वासन देकर इतना समय वरवाद किया और बाद में धोखा दिया और जिन कांग्रेसियों की बजह से मार्कंडेय को टिकट नहीं मिला उनको समर्थन कैसे दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में अभी तक जो स्थिति नजर आ रही है उससे स्पष्ट हो रहा है कि मार्कंडेय को आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरना होगा। अब सबकी नीगाहें मंगलवार को होने बाली मीटिंग पर टिक गई है कि आखिर निर्णय क्या होगा।