तीर्थन घाटी के पेखड़ी गांव में पिछले दो सालों से अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई बस


Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
Spread the love

गुशैनी पेखड़ी सड़क मार्ग खस्ताहाल, बन्द पड़ी है नालियां और कलवट, सैंकडों लोग परेशान

लाम्बा से आगे करीब 2 किलोमीटर तक लोग दो सालों से पैदल सफर करने को मजबूर

प्रशासन से बार बार गुहार लगाने के बावजूद नहीं ली जा रही सुध,

तुफान मेल न्यूज, बंजार (परस राम भारती)

हिमाचल प्रदेश में बीते वर्ष जुलाई/अगस्त महीने मे आई प्राकृतिक आपदा के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली अधिकतर सम्पर्क सड़के अभी तक अपनी दुर्दशा व्यान कर रही है। जिस कारण स्थानीय लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। यही नहीं बदहाल सड़कों की वजह से स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है।जिला कुल्लू उपमंडल बंजार में तीर्थन घाटी के दूर दराज गावों को जोड़ने वाली अधिकतर संपर्क सड़कें इस समय बदहाल स्थिति में है। यहां की गुशैनी पेखड़ी सड़क पर पिछ्ले करीब दो सालों से बस अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई है। यह बस गांव में बने बस अड्डे से करीब दो किलोमीटर पिछे लाम्बा नामक स्थान पर ही रुकती है।

पिछ्ले दो सालों से स्थानीय लोगों को दो किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। जिस कारण ग्राम पंचायत पेखड़ी के सैंकड़ों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तीर्थन घाटी विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के ईको जॉन स्थित गांवों को जोड़ने वाली यह नौ किलोमीटर लम्बी गुशैनी-पेखड़ी सड़क इस समय अपनी दुर्दशा वयान कर रहा है। बैसे तो इस सम्पर्क सड़क मार्ग को बने करीब एक दशक से ज्यादा समय हो चुका है और कुछ वर्ष पूर्व इस पर टायरिंग भी कर दी गई है।

लेकिन रखरखाव के अभाव में इसकी हालात वद से भी बदतर होती जा रही है। इस सड़क की निकासी नालियां और कलवट बन्द पड़े है। पिछली से पिछली बरसात में ही यह सड़क कई स्थानों से क्षतिग्रत हो गई थी। पार्क प्रभावित क्षेत्र की ग्राम पंचायत पेखड़ी के हजारों लोगों को लाभान्वित करने वाला यह सड़क मार्ग आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस सड़क मार्ग पर बने तीखे और उतार चढ़ाव वाले करीब 20 से अधिक मोड़ों पर वाहन चलाना किसी खतरे से खाली नहीं है। इस सड़क के किनारे पानी की निकासी के लिए बनाई गई नालियों में मिट्टी और मलबा भर गया है जिसमें घास उगी हुई है। हल्की सी बारिश में भी पानी सड़क से बहता हुआ लोगों के खेतों और मकानों में चला जाता है जिस कारण लोगों के खेतों में भूस्खलन होता है और उनकी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचता है। सड़क किनारे बनी नालियों में पानी की उचित निकासी न होने के कारण सड़क को तो नुकसान पहुंचता ही है इसके साथ ही भूस्खलन का खतरा भी बढ़ जाता है। हाल ही में आई आपदा से इस सड़क किनारे भारी भरकर नुकसान हुआ है। कई लोगों के रिहायशी मकानों को भी पूर्ण और आंशिक रूप से क्षति पहुंची है।तीर्थन हिमालय इको टूरिज्म सोसाइटी के प्रधान केशव राम ठाकुर, स्थानीय निवासी सुरेंद्र सिंह नेगी, वेली राम, सेस राम, शिव राम, चेतराम, जगीत सिंह, टेक सिंह, हेमराज, मोहनलाल, चमन लाल, शिखर ठाकुर, घनश्याम, इंद्रदेव, खेमचंद, नीलचंद, राजू नेगी, प्यारेलाल, धनीराम, प्रताप सिंह, गायत्री देव और कुलदीप ठाकुर आदि का कहना है कि प्रशासन से बार बार गुहार लगाने के बावजूद पिछले दो सालों से इस क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग की कोई सुध नहीं ली जा रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है लाम्बा नामक स्थान से आगे इस सड़क मार्ग को शीघ्र ही बस चलने योग्य बनाया जाए और आने वाली बरसात से पहले सड़क की दशा को सुधारा जाए वरना भविष्य में लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है जिसका जिमेवार लोक निर्माण विभाग होगा। लोगों की विभागीय अधिकारियों को चेताया है कि यदि बार बार गुहार लगाने के बावजूद भी इस सड़क को सुधारा नहीं गया तो लोग धरना प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।लोक निर्माण विभाग उप मण्डल बंजार के सहायक अभियन्ता कीर्तिमान ठाकुर से इस बारे प्रतिक्रिया जाननी चाही लेकिन बार बार फोन करने पर भी उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!