कृषि व डेयरी क्षेत्र को सुदृढ़ करने से आत्मनिर्भर बनेगा हिमाचल, कृषि एवं पशुपालन मंत्री तथा आयुष मंत्री ने बजट को सराहा,खेल ढांचे के सुदृढ़ीकरण व प्रोत्साहन राशि में बढ़ौतरी से युवा खिलाड़ी होंगे लाभान्वित


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तुफान मेल न्युज, शिमला.

कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार और आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री यादविन्द्र गोमा ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रस्तुत प्रदेश सरकार के दूसरे बजट की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह बजट राज्य की कृषि एवं बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था को सही दिशा देने और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही आर्थिक सुधारों के माध्यम से हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए बजट में कई उपाय किए गए हैं।


उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के कृषक वर्ग के हितों का ध्यान रखा गया है। प्रदेश में चंूकि 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बस्ती है और प्रदेश सरकार का यह बजट किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में मील पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि दूध खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने बजट में गाय के दूध के खरीद मूल्य को 38 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये तथा भैंस के दूध के खरीद मूल्य को 47 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की है। सरकार का यह कदम डेयरी उद्योग के विस्तार के साथ ही पशु पालकों को उनके दुग्ध उत्पादों के बेहतर मूल्य सुनिश्चित करेगा।


उन्होंने कहा कि ओलम्पिक, एशियाई खेलों सहित विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक प्राप्त करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि में कई गुणा वृद्धि की गई है। इससे हिमाचल के युवा खेलों को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। साथ ही प्रदेश में खेल ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए किए गए प्रस्तावों से उभरते हुए खिलाड़ियों को अपने कौशल में निखार लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी के लिए प्रदेश में तीन प्रतिशत आरक्षण के दायरे में मौजूदा 43 खेलों के अलावा अन्य प्रतिस्पर्धाओं को शामिल करने का भी स्वागत किया।    


दोनों मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश की नाजुक वित्तीय स्थिति के बावजूद इस बजट में प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखा गया है। दिहाड़ी में वृद्धि सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा वर्कर, मिड-डे-मील वर्कर, जलवाहक इत्यादि के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि वर्तमान प्रदेश सरकार की ग्रामीण और श्रमिक क्षेत्र के उत्थान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मनरेगा श्रमिकों की दिहाड़ी में 60 रुपये तक की वृद्धि स्वागत योग्य है।
उन्होंने कहा कि बजट में युवा वर्ग व कर्मचारियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। उन्हें महंगाई भत्ते सहित बकाया एरियर के चरणबद्ध भुगतान का प्रावधान किया गया है। साथ ही आउटसोर्स वर्कर को न्यूनतम 12000 रुपये प्रतिमाह सुनिश्चित किया गया है। अन्य वर्गों के मानदेय में भी आशातीत बढ़ौतरी की गई है।

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