किसी भी मंत्र की शक्ति उसके भाव में अंतर्निहित: आचार्य मेघदीपानन्द


Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
Spread the love

त्रिदिवसीय आनंद मार्ग सेमिनार के अंतिम दिन
तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। कुल्लू के साराबाई में आयोजित त्रिदिवसीय आनंद मार्ग सेमिनार के अंतिम दिन सेमिनार के मुख्य विषय मंत्र चैतन्य पर चर्चा करते हुए आचार्य मेघदीपानन्द अवधूत जी ने बताया कि जब किसी भी शब्द को महाकौल तारक ब्रह्म सिद्ध कर देते हैं तो वो एक सिद्ध मंत्र के रूप में व्यवहृत किया जाता है। किसी भी मंत्र की शक्ति उसके भाव में अंतर्निहित है। बिना भाव के मंत्र का जप करना एक तोते की तरह रटने जैसा हो जाता है। किसी भी मंत्र के जप से मन की अवस्था उस मंत्र के भाव के अनुरूप हो जाता है।
प्रातः काल में 3 घंटे का अखंड कीर्तन आयोजित हुआ। तत्पश्चात कौशिकी एवं तांडव प्रतियोगिता भी आयोजित हुआ। सेमिनार के सम्मान समारोह के दौरान हिमाचल के सभी भुक्ति प्रधानों की रिपोर्टिंग हुई। और सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से आनंद मार्ग प्रचारक संघ कुल्लू के भुक्ति प्रधान कमलेश शर्मा जी, बलदेव पाल जी, रामलाल जी, पुष्पाल ठाकुर जी, एवं अन्य कई लोगों का सराहनीय सहयोग रहा।
सेमिनार में 10 सन्यासी दादा एवं संयासिनी दीदियां मौजूद रहे। हिमाचल के लगभग सभी जगहों से आनंद मार्गी गण भी मौजूद रहे। सबों ने कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!