देखें वीडियो,,,भगवान राम को चरण पादुका लेकर कुल्लू से अयोध्या को रवाना हुए महेश्वर सिंह


Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
Spread the love

तुफान मेल न्युज, कुल्लू।

देखें वीडियो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

भगवान रघुनाथ जी के प्रमुख छड़ी बरदार महेश्वर सिंह रघुनाथ मंदिर कुल्लू से भगवान श्रीराम को चांदी की चरण पादुका लेकर अयोध्या रवाना हो गए हैं।

विस्तृत समाचार: भगवान राम को चरण पादुका लेकर कुल्लू से अयोध्या को रवाना हुए महेश्वर सिंह

तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। भगवान रघुनाथ जी के प्रमुख छड़ी बरदार महेश्वर सिंह रघुनाथ मंदिर कुल्लू से भगवान श्रीराम को चांदी की चरण पादुका लेकर अयोध्या रवाना हो गए हैं। देव भूमि कुल्लू में स्थित भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह सुवह गुरुवार को अयोध्या रवाना हो गए हैं। खास बात यह हैं कि महेश्वर सिंह अयोध्या के भगवान राम जी को चांदी की चरण पादुका कुल्लू से लेकर जा रहे हैं। यही नहीं चरण पादुका (खड़ाऊं) के अलावा चांउर,अंग वस्त्र फागू आदि भी भगवान रघुनाथ जी को भेंट करने के लिए ले जा रहे हैं। इससे बड़ी बात यह है कि कुल्लू से अठारह करडू देवी-देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में भगवान रघुनाथ जी के प्रमुख छड़ी बरदार महेश्वर सिंह अयोध्या जा रहे हैं। गुरुवार सुवह रघुनाथ जी के मंदिर सुल्तानपुर में सुवह माता हिडिंबा,दोचा-मोचा,त्रिपुरा सुंदरी सहित देव समाज के प्रतिनिधि महेश्वर सिंह को विदा करने पहुंचे। यह भेंट कुल्लू में स्थित भगवान रघुनाथ जी व अठारह करडू देवी-देवताओं की ओर से अयोध्या स्थित भगवान रघुनाथ जी के मंदिर जाएगी। गौर रहे कि 1651 ईस्वी में अयोध्या से ही भगवान रघुनाथ जी की प्रतिमा तत्कालीन राजा जगत सिंह के समय में यहां लाई गई थी और उसके बाद ही यहां भगवान रघुनाथ जी का अधिपत्य हुआ था और आजतक यहां भगवान रघुनाथ जी का मंदिर व मूर्तियां है और हर पहर भगवान रघुनाथ जी की पूजा होती है। यही नहीं भगवान रघुनाथ जी के हर त्यौहार यहां मनाए जाते हैं जिसमें देव महाकुंभ दशहरा पर्व भी शामिल है। अब अयोध्या में मंदिर बन गया है तो कुल्लू से भगवान रघुनाथ जी की ओर से वहां जाना बाजिव है। लिहाजा कुल्लू और अयोध्या का संबध पिछले 400 वर्षों से हैं और आज इसकी पुर्नरावृति हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!