नील चंद टेलांग्वा की मौत फ़ाउंडेशन का निजी नुक़सान: मंगल मनेपा

Spread the love

तूफान मेल न्यूज,केलांग।
लला मेमे फाउंडेशन के वरिष्ठ संस्थापक सदस्य नील चंद टेलांग्वा के पिछले कल उनके पैतृक गाँव में अचानक मृत्यु होने से पूरा फाउंडेशन परिवार स्तब्ध है । नील चंद 72 वर्ष के थे। फाउंडेशन के अध्यक्ष मंगल मनेपा ने कहा कि नील चंद जी लला मेमे के जीवन काल से उनके साथ जुड़े थे और विभिन्न स्थानों में उनके साथ हवन कीर्तन के लिए ज़ाया करते थे। लला मेमे के देहावसान के बाद नीलचंद राजस्थान गये और वहाँ कई कारीगरों से मिलकर लला मेमे की संगमरमर की मूर्ति बना कर लाहुल ले आये जिसे ५ अक्तूबर २०११ को गौशाल गाँव के शीर्ष पर स्थित महादेव मंदिर में हज़ारों लोगों की उपस्थिति में प्रतिष्ठित किया गया था। नीलचंद मानते थे कि लला मेमे साक्षात शिव के अंश थे और उनके अनुसार भगवान शंकर ने सपने में आ कर लला मेमे को हवन की विधि मंत्रों सहित बतायी थी जिसके माध्यम से मेमे ने आजीवन मानव कल्याण किया और उनके बाद भी उनकी परंपरा को छेरींग गुरु और राजेश गुरु सोनम राम के साथ मिल कर घाटी में जीवंत रखे हुए हैं। नील चंद का योगदान फ़ाउंडेशन द्वारा वार्षिक स्तर पर आयोजित पुण्यतिथि और रक्तदान शिविर में भी अत्यधिक रहता आया था और मनेपा ने बताया कि नील चंद ने स्वाँगला पिती वेणु समागम और चंद्र भागा संगम पर्व के भव्य आयोजनों में भी हमेशा फ़ाउंडेशन का मार्गदर्शन किया है। उनके अनुसार नील चंद का संसार त्यागना पूरे फाउंडेशन परिवार के लिए बड़ा नुक़सान है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा फ़ाउंडेशन परिवार नील चंद के परिवार के साथ खड़ा है और धार्मिक रूप से जो भी विधि विधान अनुसार उचित होगा वह फ़ाउंडेशन परिवार अवश्य करेगा ताकि समाज में नील चंद जैसे श्रद्धालु व्यक्ति का सम्मान बना रहे और ईश्वर लोक में उनकी आत्मा को शांति मिले। लला मेमे फ़ाउंडेशन के सदस्य चन्द्र मोहन परशीरा, रणजीत क्रोफ़ा, विपिन शाशनी, क्रिस ठाकुर, मोहन लाल रेलिंगपा, शमशेर सिंह, प्रेम प्रधान, निर्मल शाशनी, रामानन्द शाशनी, छीमे अंगमों, राजीव गुलेपा, विनोद लारजे, रामनाथ, जीवन, राम सिंह, राकेश, दिनेश, मनोज भोट आदि ने इस अवसर पर गहरी संवेदनाएँ प्रकट की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!