रघुनाथ की रथयात्रा के साथ देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव शुरू


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सैंकड़ों देवी-देवताओं व लाखों लोगों ने लिया रथ यात्रा में भाग
नीना गौतम तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।

विश्व के सबसे बड़े देव महाकुंभ व अंतरराष्ट्रीय लोकनृत्य दशहरा पर्व का आगाज मंगलवार को रघुनाथ जी की भव्य रथ यात्रा के साथ हुआ। लिहाजा, भगवान रघुनाथ जी ने सहस्त्र सेना के साथ लंका पर चढ़ाई कर ली है और सात दिन तक युद्ध चलने के बाद रावण का खात्मा लंका बेकर में किया जाएगा। इसी के साथ ही अनूठी पंरपरा के लिए प्रसिद्ध कुल्लू दशहरा के इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया है।

इसके अलावा ऐतिहासिक कुल्लू के ढालपुर मैदान में विश्व के सबसे बड़े देव महाकुंभ में स्वर्ग के सभी देवी-देवता उतर आएं हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच रघुनाथ जी की रथ यात्रा में सैंकड़ों देवताओं की मौजूदगी में लाखों लोगों ने रथ को खींचा।

इसके साथ ही पूरा कुल्लू रघुनाथ जी के जयघोषों से गूंज उठा। रथ यात्रा में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी भाग लिया। विश्व भर में अनूठी इस देव संस्कृति में दुनिया से भी हजारों फिरंगी उमड़ पड़े हैं। सोने-चांदी से जड़ित देवी-देवताओं के रथों को देखकर ऐसा लग रहा है कि मानों स्वर्गलोक से देवता धरतीलोक पर उतर आए हों।

रावण के खात्मे के लिए सैंकड़ों देवी-देवताओं ने बिसात बिछा ली है और रणनीति तय करके सातवें दिन रावण ,कुंभकर्ण व मेघनाथ का खात्मा किया जाएगा। इसके अलावा परंपरागत तरीके से जिला के सैंकड़ों देवी-देवताओं ने रथ यात्रा में भाग लिया तथा इससे पहले सभी देवी-देवताओं ने रघुनाथ की नगरी सुलतानपुर में शीश नवाजा।

उधर,महामहिम राज्यपाल ने सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लोकनृत्य उत्सव दशहरा का शुभारंभ किया। इससे पहले उन्होंने सैंकड़ों देवी-देवताओं के दर्शन किए तथा भव्य रथ यात्रा का भी लुत्फ उठाया।
वहीं, कुल्लू राज परिवार की राज्य दात्तरी हिडिंबा देवी के राज महल में पहुंचते ही दशहरा रथ की रणनीति तय की गई। हिडिंबा के राजमहल पहुंचने के बाद रघुनाथ जी को पालकी में बिठाकर रथ मैदान तक पहुंचाया गया। जहां सोन-चांदी के आभूषणों तथा रंग बिरंगे परिधानों से सजे रघुनाथ जी के रथ में भगवान रघुनाथ, लक्ष्मण, सीता माता तथा हनुमान की प्रतिमाओं को विराजमान किया गया।

इसके बाद परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना के बाद सभी देवी-देवताओं ने रघुनाथ जी के रथ के आगे हाजरी भरी तथा पुरातन वाद्य यंत्रों की ध्वनि से देवभूमि गूंज उठी। विशेष पूजा अर्चना के बाद रथ यात्रा का आरंभ हुआ। इस भव्य रथ यात्रा को देखने के लिए जहां प्रदेश भर के हजारों लोग आए थे, वहीं विश्व भर के लोगों ने इस रथ यात्रा में भाग लिया, जबकि देश भर के
मीडिया के लोगों के अलावा विदेशी मीडिया ने भी इस अनूठी परंपरा

को अपने कैमरे में कैद करने के लिए दस्तक दी। प्रथम दिन यह रथ यात्रा रघुनाथ जी के अस्थायी कैंप तक पहुंची। इसके पश्चात रघुनाथ जी की प्रतिमा को विधिवत तरीके से अस्थायी कैंप में शुशोभित किया गया। सभी देवी-देवताओं ने भी रथ यात्रा में भाग लेने के बाद अपने अस्थायी कैंपों को प्रस्थान किया। लिहाजा, ढालपुर मैदान में सैंकड़ों देवी-देवता विराजमान हो गए हैं तथा कुल्लू शहर स्वर्ग सा प्रतीत होने लगा है। रघुनाथ जी के अस्थायी कैंप में भी हजारों लोग दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। यहां पर रघुनाथ जी की सात दिनों तक विशेष पूजा अर्चना होती रहेगी। इसके अलावा हर दिन देवी-देवता रघुनाथ जी के पास हाजरी भरते रहेंगे। इस बीच विभिन्न परंपराओं का आगाज होगा तथा रघुनाथ जी के कैंप में जहां प्रतिदिन चंद्राउली का आयोजन होगा, वहीं राजा की जलेब भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। इसके अतिरिक्त छठे दिन जहां मुहल्ले का आयोजन होगा और सातवें दिन लंका दहन होगा।

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