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तूफान मेल न्यूज कुल्लू। कांग्रेस के धुर विरोधी रहे महेश्वर सिंह के पुत्र हितेश्वर सिंह के घर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पहुंच गई है। यहां पर रानी प्रतिभा सिंह जो रामपुर रियासत की रानी है व कुल्लू रूपी रियासत की कुंवरानी विभा सिंह यानिकि दादी-पौत्री का महामिलन हुआ है। हालांकि रिश्तों की डोर में बंधे इस महामिलन की दुहाई परिवारिक मिलन बताया जा रहा है लेकिन इस मिलन ने राजनीतिक गलियारों में आग लगा दी है।
संभवतः अब रिश्तों की डोर में राजनीतिक रिश्ते भी मजबूत होते नजर आ रहे हैं। गौर रहे कि विभा सिंह रामपुर राजघराने से ही हैं और वर्तमान में भाजपा के कदावर नेता महेश्वर सिंह की बहू है। यही नहीं वर्तमान में विभा सिंह बंजार विधानसभा क्षेत्र के धाऊगी जिला परिषद पार्षद भी हैं और विभा सिंह के पति हितेश्वर सिंह वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव बंजार से भाजपा से बागी होकर आजाद प्रत्याशी के रूप में लड़ चुके हैं। अब चर्चा हैं कि हितेश्वर सिंह देर-सवेर कांग्रेस के हो सकते हैं। हितेश्वर सिंह एक ही शर्त पर कांग्रेस के होंगें जब उन्हें बंजार से टिकट मिलेगा। गत चुनाव में हितेश्वर सिंह के आजाद चुनाव लड़ने की स्थिति में कुल्लू से उनके पिता महेश्वर सिंह का टिकट भी भाजपा ने काट दिया था और टिकट छीनकर नरोत्तम ठाकुर को दिया था। हालांकि हितेश्वर सिंह की राजनीतिक कहानी काफी रोचक है और भाजपा के एक गुट ने उन्हें साइड लाइन लगाने का पूरा प्रयत्न किया है। वावजूद इसके हितेश्वर सिंह भाजपा के लिए बंजार में सिरदर्दी बने रहे। गत चुनाव में वेशक हितेश्वर सिंह के चुनावी मैदान में उतरने का फायदा बंजार में भाजपा को ही हुआ था।
अब प्रतिभा सिंह की आवभगत से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल है। बताया जा रहा है कि प्रतिभा सिंह का शाही डिन्नर भी हितेश्वर के घर हुरला में ही पक रहा है।
एक बार महेश्वर सिंह से हार चुकी है प्रतिभा
सांसद प्रतिभा सिंह एक बार लोकसभा के चुनाव में महेश्वर सिंह से हार चुकी है। जबकि एक बार महेश्वर सिंह को पटकनी दे चुकी है।
रिश्तों के बावजूद राजनीतिक रिश्ते नहीं रहे हैं ठीक
महेश्वर सिंह व वीरभद्र सिंह प्रदेश के दिग्गजों में रहे हैं। कांग्रेस में जहां वीरभद्र सिंह राजा थे वहीं कुछ समय भाजपा के राजा महेश्वर सिंह ही रहे हैं। मंडी लोकसभा सीट पर तो इन दो राजघरानो का आधिपत्य रहा है। राज परिवार के कारण हालांकि दोनों राज परिवारों में रिश्तेदारी है लेकिन राजनितिक कारणों से यह रिश्तेदारी गौण रही और राजनीतिक दुश्मनी ज्यादा रही।
वीरभद्र सिंह से हार चुके हैं महेश्वर सिंह
महेश्वर सिंह मंडी लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में वीरभद्र सिंह से हार चुके हैं। दोनों नेताओं में रिश्तेदारी होते हुए भी राजनीतिक दुश्मनी रही, लेकिन अब यह दुश्मनी दोस्ती में बदलती नजर आ रही है।