ऋषव शर्मा, आनी.
आनी के त्रिवेणी संगम बैहना में स्थित बैहनी महादेव मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा में भक्तिरस की खूब ज्ञान प्रवाहित हो रही है। कथा के चौथे दिन कथावाचक डॉ. महेश व्यास ने गृहस्थ जीवन को सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने कहा कि यदि गृहस्थ जीवन को उत्तम बनाना है तो सत्संग ही जीवन को कल्याणकारी बना सकता है।

उन्होंने कथा के दौरान बताया कि जिस घर में बेटी का जन्म होता है, शास्त्रों में उस स्थान को यज्ञ भूमि कहा गया है। कन्या को शास्त्रों में रत्न माना गया है और जिस घर में स्त्री प्रसन्न रहती है, वहां कभी किसी चीज की कमी नहीं होती।

डॉ. व्यास ने दक्ष प्रजापति की कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि उनके घर 16 कन्याओं ने जन्म लिया, जिनमें से सती का विवाह महादेव के साथ हुआ। उन्होंने सती की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया और बताया कि कैसे सती ने अपने पति महादेव के सम्मान की रक्षा के लिए आत्मत्याग किया।

इस अवसर पर देवता शमशरी महादेव के गुर, भगवान परशुराम के क्रो देवता, जवाहर लाल शर्मा, ब्रह्मेश्वर महादेव बड़ागांव के समस्त प्रतिनिधि सहित विभिन्न क्षेत्रों से देवताओं के कारकून मौजूद रहे। बुधबार को कथा स्थल पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से कथा का श्रवण किया।