हिमाचल प्रदेश ने एएफडी के साथ 817.12 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए
परियोजना से राज्य के पांच शहर होंगे लाभान्वित : मुख्यमंत्री


Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
Spread the love

तूफान मेल न्यूज, शिमला। प्रदेश सरकार ने आज यहां राज्य के पांच शहरों में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं में सुधार के लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी ‘एजेंस फ्रैंकेंज डी. डेवलपमेंट’ (एएफडी) के साथ 817.12 करोड़ रुपये की परियोजना के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की उपस्थिति में प्रदेश सरकार की ओर से जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी व एएफडी की ओर से कंट्री निदेशक ब्रूनो बोस्ले ने समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के पांच शहरों मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन और करसोग में बेहतर मलनिकासी सुविधाएं विकसित करना और मनाली व पालमपुर में पेयजल आपूर्ति में सुधार करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत 612 करोड़ रुपये एएफडी द्वारा प्रदान किए जाएंगे, जबकि राज्य सरकार 204.85 करोड़ रुपये व्यय करेगी। परियोजना के अंतर्गत इन पांच शहरों के लाभार्थियों को हाउस सर्विस कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे और मलनिकासी संयंत्रों को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन किया जाएगा, ताकि कृषि और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए अपशिष्ट का पुनः उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य जलस्रोतों की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार करना, जलजनित रोगों को कम करना, स्थानीय नियमों और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम परंपराओं के अनुसार गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सुविधाओं का प्रबंधन करना और पेयजल और स्वच्छता क्षेत्र में वित्तीय स्थिरता लाना है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह परियोजना दो चरणों में लागू की जाएगी, जिसमें पहले चरण में 425.85 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें से एएफडी द्वारा 340 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 371 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 272 करोड़ रुपये एएफडी द्वारा प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना की कार्यान्वयन अवधि तीन वर्ष होगी और चरण-1 के शुरू होने के 18 महीने बाद चरण-2 शुरू होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को बेहतर स्वच्छता सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और यह परियोजना इस लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक आशीष बुटेल, अजय सोलंकी, भुवनेश्वर गौड़, एएफडी के प्रतिनिधि अंकित तुलस्यान और अक्षिता शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!