विश्व पुस्तक मेला दिल्ली-2023 मे उमा ठाकुर नधैक द्वारा संपादित ‘हिमाचली भाषा रे मणके’ पुस्तक का लोकार्पण


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तूफान मेल न्यूज , शिमला । हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला द्वारा विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर प्रगति मैदान के हाल नंबर दो में लेखक मंच पर हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला द्वारा विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर प्रगति मैदान के हाल नंबर दो में लेखक मंच पर हिमाचल प्रदेश के लेखको की पुस्तको का लोकार्पण किया गया जिसमे उमा ठाकुर नधैक द्वारा संपादित ‘हिमाचली भाषा रे मणके’ पुस्तक का लोकार्पण भी मुख्यातिथि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) सेवानिवृत्त कर्नल कुलदीप सिंह बांशटू ,अध्यक्ष लीलाधर मांडलोई, मदन कश्यप, एसआर हरनोट, राजकुमार राकेश, डॉ कर्म सिंह, डॉ स्नेह लता नेगी के कर कमलों द्वारा लेखक मंच पर किया गया। कार्यक्रम में कार्यक्रम के प्रारंभ में साहित्यकार मदन हिमाचली और हितेन्द्र शर्मा ने मुख्य अतिथि कर्नल कुलदीप सिंह बांशटू का स्वागत एवं सम्मान किया तथा मंचस्थ विद्वानों को हिमाचल अकादमी की ओर से सम्मानित किया गया।


उमा नधैक ने बताया कि उनका लेखन के माध्यम से हिमाचली भाषा व लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु कार्य करने का छोटा सा संकल्प है,जिसके तहत वर्ष 2020 मे शोधपूर्ण पुस्तक ‘महासुवी लोक संस्कृति’ प्रकाशित की गई वर्ष 2021 मे कविता संग्रह नवल किरण प्रकाशित हुआ और अब हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों की विभिन्न बोलियों में 30 हिमाचली लेखकों की पहाड़ी रचनाओं को एक माला में पिरोकर, “हिमाचली भाषा रे मणके” काव्य संग्रह संपादित कर विकल्प प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है | इस पुस्तक के प्रकाशन हेतु किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था से और न ही लेखकों से कोई सहयोग राशि ली गई | यह उनका अपना छोटा सा प्रण है कि वह अपने सामर्थ्य के अनुसार साहित्य की सेवा कर पाए | उनका कहना है कि हिमाचली भाषा व लोक साहित्य को गाँव की मुँडेर से विश्व पटल तक पहुंचाने में यदि अपना थोड़ा योगदान भी दे पाई तो मै समझूंगी मेरा जीवन सफल हो गया |

इस अवसर पर लेखक संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली तथा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों से शामिल हुए लेखकों ने अपने विचार सांझा किए तथा पुस्तक लोकार्पण में दीप्ति सारस्वत की पुस्तक एक स्लेटी आसमान, रविता चौहान के काव्य संग्रह सांची, सविता बंटा की पुस्तक पोह की एक रात, संदीप शर्मा की पुस्तक जिन्दगी की लहरें, पोमिला ठाकुर का कहानी संग्रह बुज्जका, कल्पना गांगटा की पुस्तक खनक जिन्दगी की,उमा ठाकुर नधैक द्वारा संपादित पुस्तक हिमाचली भाषा रे मणके, विजय राज उपाध्याय की नई प्रकाशित पुस्तकों का भी लोकार्पण किया गया |
लेखक मंच पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों के प्रतिभागी कवियों में अजेय, विवेक भारद्वाज, अशोक, मदन हिमाचली, सतीश धर, दीप्ति सारस्वत, हितेंद्र शर्मा, सविता बंटा, उमा ठाकुर, दक्ष सुरेश शुक्ला, अनंत आलोक, रविता चौहान, शिवा पंचकरण, नैंसी शर्मा, अजय विचलित राहुल देव प्रेमी, प्रियंका भारद्वाज, कल्पना गांगटा, पौमिला ठाकुर, संदीप शर्मा, मामराज शर्मा, दीप राज विश्वास, प्रदीप सैनी, विवेक भारद्वाज आदि कवियों ने भी अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया तथा विद्यानिधि छाबड़ा ने अपनी कहानी के अंश का पाठ किया।

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