अंतरिम बजट में हिमाचल को फिर दिखाया केंद्र ने ठेंगा,बोले कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राजीव किमटा


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कहा: आपदा-कर्ज से जूझ रहे हिमाचल की नहीं आई केंद्र को याद

तुफान मेल न्युज, कुल्लू।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव किमटा ने कहा है कि केंद्र सरकार के अंतरिम बजट से कोई भी लाभ हिमाचल को नहीं हुआ है। हिमाचल प्रदेश को रेल, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, कृषि और बागवानी के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आपदा से हिमाचल प्रदेश जूझ रहा है। प्रदेश सरकार अपने स्तर पर इससे लड़ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्तीय हालत खराब होने के बाद भी राज्य के खजाने से 4500 करोड़ का विशेष पैकेज आपदा प्रभावितों के लिए दिया है, लेकिन केंद्र से न तो पहले एक रुपए की सहायता हिमाचल प्रदेश को मिली और न ही इस बजट में हिमाचल के हजारों प्रभावितों के जख्मों पर कोई मरहम केंद्र सरकार ने लगाया है। जबकि यह सर्वविदित है कि हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति की यह हालत पूर्व भाजपा सरकार की गलत नीतियों, भ्रष्टाचार और बेफिजूल खर्च की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह के हवाई अड्डे का भी बजट में कोई जिक्र नहीं है। जिससे साफ दिखता है कि केंद्र सरकार किस तरह से हिमाचल के साथ दोहरा
और सौतेला व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि केंद्र
सरकार बजट में ही कुछ राहत हिमाचल प्रदेश को देगी, लेकिन केंद्र सरकार ने पहले की तरह इस बार भी हिमाचल प्रदेश को बजट में ठेंगा दिखाया है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव होने की उम्मीद लगाए बैठा था। नौकरी पेशा लोग आयकर में छूट का इंतजार कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने आयकर स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं किया है। इस फैसले का असर देश भर के नौकरीपेशा लोगों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में रेलवे की बात जरूर की है। इसमें 40 हजार डिब्बों को बंदे भारत की तर्ज पर बदला जाएगा। तीन रेलवे कोरिडोर ऊर्जा, खनिज और सीमेंट के लिए तैयार करने की बात कही है, लेकिन इसका भी कोई बड़ा फायदा प्रदेश के लोगों को नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए डीजल तथा पेट्रोल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है। गरीब व मध्यम वर्ग को राहत देने के बजाय इस बजट में केवल पूंजीपतियों तथा अरबपतियों का सरकार ने ख्याल रखा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल भाजपा के नेताओं को जवाब देना चाहिए कि केंद्र सरकार आखिरकार हिमाचल प्रदेश की सहायता क्यों नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना घर कहते हैं लेकिन इतने महीने बीतने के बाद भी उन्हें आपदा से पीड़ित हजारों हिमाचलियों का दुख दर्द क्यों नहीं
दिख रहा है।
प्रदेश कांग्रेस ने आपदा के लिए दिए 4500 करोड़

किमटा ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल की जनता के सामने धोखेबाज सिद्ध हो चुकी है। हिमाचल की जनता जान चुकी है कि भाजपा और केंद्र के नेता सिर्फ खयालों में ही हिमाचल को अपना मानते हैं। जबकि असल में प्रधानमंत्री मोदी ओर अन्य भाजपा नेताओं को हिमाचल से कोई लेन- देना नहीं है। हिमाचल से भाजपा सरकार की हुई विदाई का बदला केंद्र सरकार हिमाचल के पीड़ितों, प्रभावितों और हिमाचल के हकों को दबाकर ले रही है। उन्होंने कहा कि अगर हिमाचल में लोकप्रिय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नहीं होते तो आपदा प्रभावितों के जख्मों पर मरहम लगाना मुश्किल था। जिस तरह से राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हितों और उनके बुढ़ापे को देखते हुए पुरानी पेंशन बहाली का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के खजाने से आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड रुपए का विशेष पैकेज जारी किया। इसी राशि से हिमाचल प्रदेश के प्रभावितों के जख्म मिट रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार और हिमाचल भाजपा नेताओं ने प्रदेश को मिलने वाली ग्रांट, विभिन्न योजनाओं में हिस्सेदारी और हकों को रोकने का काम किया है। इसका जबाब आने वाले लोक सभा चुनावों में भाजपा नेताओं को देना पड़ेगा। इस सबका हिसाब हिमाचल की जनता चुनावों में चुकता करेगी।

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