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नए व पुराने पहाड़ी गीत गाकर नचाए दर्शक, लोक कलाकारों ने भी जमाया अंतिम संध्या में रंग
तुफान मेल न्युज,मनाली
राष्ट्र स्तरीय विंटर कार्निवाल की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में लोक गायक ठाकुर दास राठी ने कमाल कर दिया। उन्होंने हो बांकी चंद्रा, हवा लागी चंडीगढ़ री, प्रमिला तेरे गांव लागे मेले, दे दे मोबाइल नंबर, बांकी कमलिए घुंडू बिसरू छेते, छोकरे हिमाचाली नहीं डरदे, थानेदारनीए लिख दे रिर्पोट मेरी, डी जे वाले डीजे बजा,
नीरू चोली घूमदी, शालू रे क्वार्टर लगी रोनका, हो सुमित्रा , मेरी श्रीदेविये कोखे चली तू , झुमके वाली मेरी झुमके वाली गाने गाकर दर्शक नचाए। इससे पहले स्थानीय लोक कलाकारों ने खूब रंग जमाया। अंतिम संध्या में विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इससे पहले स्थानीय कलाकारों जोगिंदर ने गुलाबी आंखे जो तेरी देखी, डिंपल ने गुलाबी आंखे जो तेरी देखी, इंद्रजीत ने आज मिले हो गए सजणा, आई एस चांदनी ने आ जा रे आ जा रे, रमेश कटोच ने तेरा मेरा प्यार अड़िये बचपनो रा, नितिन कौशल ने ये दिल दीवाना गाकर दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी।
रौचक रही वायस ओफ कार्निवाल प्रतियोगिता,,
विंटर कार्निवाल में वायस ओफ कार्निवाल प्रतियोगिता रौचक रही। फाइनल में सात प्रतिभागियों में कांटे की टक्कर हुई। पहले राउंड में दो दो प्रतिभागियों ने मिलकर धूम मचाई। फाइनल राउंड में जजों द्वारा बताए गानों को सुनाकर धूम मचाई। अमित कुमार ने हए रे देखा न हए रे सोचा न हथेली में रख दी जान, स्मृति ने कजरा मुहव्वत वाला, विवेक मौर्या ने दम दम डिगा डिगा, हरीश ने है अपना दिल आवारा न जाने किस पे आया है, सजंय पुजारी ने मेरी उम्र के नोजवानों, कुणाल सूद ने भंग का रमा हो चकाचक खाइके पान बना रस वाला और अंत मे लक्ष्मी ठाकुर ने लैला मैं लैला ऐसी हु लैला गाना गाकर धमाल मचाया।