मणिकरण घाटी शाट के देवता गौतम ऋषि 50 वर्षों बाद दशहरा पर्व में लिया भाग


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देवता के दर्शन के लिए उमड़ी अस्थाई शिविर में भीड़
गौतम ऋषि भक्तों की हर मनोकामना करते हैं पूरी

नीना गौतम तूफान मेल न्यूज, कुल्लू
मणिकरण घाटी के शा ट के देवता गौतम ऋषि दशहरा पर्व में इस वर्ष लगभग 50 वर्षों के बाद आये हैं. गौतम ऋषि देवता भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करने वाले देवता है जो भी इनके दरवार में फरियाद लेकर आते हैं ये उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं

वो चाहे फिर संतान या नौकरी की फरियाद हो सब पूरी होती हैं। जो भक्त सच्चे मन से देवता के दरबार जाते हैं उन्हे देवता का आशीर्वाद जरूर मिलता है। इस बार गौतम ऋषि अठारह करडू की सौह ढालपुर में देव महाकुंभ में पांच विराजमान हुए हैं और अपने भक्तों को अस्थाई शिविर में दर्शन दे रहे हैं। उनका अस्थायी शिविर आस्था का केंद्र बना हुआ है। देवता का मूल स्थान शाट में है

यहां मान्यता है कि जो जिस भक्त या श्रद्धालु ने मंदिर में आकर मनौती मांगी, उसे भगवान गौत्तम ऋषि ने अवश्य पूरी की है। यही नहीं यहां आकर सच्ची शांति मिलती है। मणिकर्ण घाटी ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों के श्रद्धालु देवता के मूल स्थान में विशेष पर्व के दिन पहुंचना नहीं भूलते हैं।

कहा जाता है कि देवता के फागली पर्व में प्रवेश करते लोगों के दुख-दर्द दूर होने लगते है। फागली पर्व में यहां पर नमन करने वाला कभी खाली हाथ नहीं जाता है। जानकारी के अनुसार शाट के गौतम ऋषि 50 साल बाद विश्व के सबसे बड़े देव महाकुंभ में विराजमान हुए हैं। देवता के उत्सव में आने पर उनके दूर-दूर के श्रद्धालु बेहद खुश हुए हैं। देवता ने दशहरा उत्सव में आने के लिए हारियानों को आदेश दिए थे। हालांकि देवता को पहले से ही दशहरा कमेटी ओर से निमंत्रण मिलता रहता है। लेकिन इस बार देवता दशहरा उत्सव में विराजमान होने की हामी भरी थी। देव आदेश का हारियानों ने पालन किया।

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