तूफान मेल न्यूज,डेस्क।
पौराणिक कथाओं के अनुसार शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी। उसके बाद उसके भाई रावण का सर्वनाथ हुआ। इसलिए लोग भद्रा के समय भाई को राखी बांधने से बचते आ रहे हैं। 30 अगस्त को भद्रा मृत्यु लोक की होने के कारण सुबह 10:13 से लेकर 8:57 तक रक्षाबंधन का कार्य नहीं होगा।
शनिदेव की बहन व सूर्यदेव की पूत्री है भद्रा
शनिदेव के पिता सूर्यदेव और माता छाया हैं। शनि के भाई-बहन यमराज, यमुना और भद्रा हैं।
शनि के छोटे भाई यमराज मृत्यु के देवता हैं, यमुना नदी को पवित्र और पापनाशिनी माना गया है।
भद्रा का व्यक्तित्व दूसरों में भय पैदा करता है, वह उथल पुथल करने वाली हैं. इस वजह से ज्योतिष में भद्रा को अशुभ समय माना जाता है. भद्रा में रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाते हैं. भद्राकाल में राखी बांधना वर्जित है
शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में ही बांधी थी राखी
