तीर्थन घाटी में राहत एवं बचाव कार्य के लिए प्रशासन उतरा फील्ड पर, नुकसान का किया जा रहा आकल


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भारी बारिश के कारण तीर्थन घाटी में नदी और सड़कों के आसपास भूस्खलन से हुई है भारी तबाही

कई पुल, सड़के, रास्ते, मकान और गौशालाएं ढई, कई क्षतिग्रस्त, किसानों की नगदी फसलों को भारी नुकसान

शासन प्रशासन द्वारा यातायात और विद्युत आपूर्ति बहाली के सराहनीय प्रयास, गुशैनी तक बिजली और नेटवर्क बहाल

गुशैनी पुल को मुरम्मत करके 10 दिन में यातायात के लिए किया जाएगा बहाल-नरेन्द्र पाल सिंह चौहान.

तूफान मेल न्यूज, तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार

जिला कुल्लू में 9 और 10 जुलाई को हुई भारी बारिश ने तीर्थन घाटी में भी भारी तबाही मचाई है। बिजली और नेटवर्क न होने की वजह से अभी तक नुकसान का पुरा आकलन नहीं हो सका है लेकिन अब घाटी के कुछ क्षेत्रों से नेटवर्क बहाल होते ही सोशल मीडिया पर नुकसान और भूस्खलन की तस्वीरें आ रही है।

हालांकि पहले से स्थिती अब कुछ सामान्य हो चुकी है। नदी नालों का जलस्तर भी काफी हद तक कम हो गया है और घाटी के कुछ क्षेत्रों में यातायात, विद्युत आपूर्ति और नेटवर्क बहाल हो चुका है। शासन प्रशासन के विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्य के लिए फील्ड पर उतर चुके है और बारिश के कारण हुए नुकसान का सही आकलन करने में जुटे है।

भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण तीर्थन घाटी का संपर्क कई दिनों तक शेष विश्व से कटा रहा। करीब एक सप्ताह बाद कुछ स्थानों पर नेटवर्क चालू हुआ और अब गुशैनी तक बिजली आपूर्ति भी बहाल हो चुकी है। बंजार से गुशैनी तक सड़क पहले ही छोटे वाहनों के लिए बहाल है और बाकी सभी सम्पर्क सड़कों को बहाली का कार्य जोरों पर चला है।

इस समय गुशैनी तक सड़क छोटे वाहनों के लिए खुली है जबकि यहां की कलवारी, पेखडी, शर्ची, तिंदर, शिल्ली और बठाहड़ सड़कों को बहाली का कार्य जोरों पर चला हुआ है। सभी सड़कों पर जेसीबी मशीनें लगाई गई है और कुछ स्थानों पर आवाजाही के लिए अस्थाई झूला पुल लगाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

तीर्थन घाटी की मुख्य सड़क को जोड़ने वाला गुशैनी पुल भी बाढ़ की चपेट में आ गया है जिसका दांया छोर क्षतिग्रस्त हो गया। इस पुल के बाधित होने से तीर्थन घाटी की चार ग्राम पंचायतों तुंग, मशीयार, शिल्ली और नोहांडा का सम्पर्क यातायात के लिए कट गया है जिस कारण यहां के हजारों लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग खाने पीने के जरुरी सामान को अपने पीठ पर ढोने को मजबूर हैं। पुल के पुनर्निर्माण का कार्य चालु है जो अभी तक पैदल यात्रियों के लिए खुला रखा है। इस पुल पर से चलना भी खतरे से खाली नहीं है। तीर्थन नदी के उपर स्थानीय लोगों की आवाजाही के वैकल्पिक मार्ग के तौर पर एक झूला पुल लगाए जाने की योजना भी बनाई जा रही है जिसके लिए आज लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सर्वे करते हुए दिखे।

समुची तीर्थन घाटी में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण सभी सम्पर्क सड़क मार्ग, लोगो के रिहायशी मकान, गौशालाएं, कृषि योग्य भूमि, नगदी फसलें, मछली फार्म, होमस्टे, कैंप साईट, गाडियों, छोटे बड़े कई पुलों को भारी क्षति पहुंची है। इस समय यहां स्थानीय लोगों को बिजली, पानी, सड़कों, रास्ते, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के कारण भारी कठिनाइयों सामना करना पड़ रहा है।

बिजली विभाग के कर्मचारी भी स्थानीय लोगों की मदद से विद्युत आपूर्ति को बहाल करने के भरसक प्रयास कर रहे है। पुलिस, जलशक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग, वन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी फिल्डों में अपने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते दिखे।

लोक निर्माण विभाग खण्ड बंजार के सहायक अभियन्ता कीर्तिमान ठाकुर ने बताया कि बंजार क्षेत्र की सभी सम्पर्क सड़कों को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाली का कार्य जोरों पर चला हुआ है। इन्होंने बताया कि गुशैनी पुल वाहनों की आवाजाही के लिए चालू होते ही बठाहड़ सड़क को भी यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। इन्होंने बताया कि तीर्थन नदी पर गुशैनी के पास झूला पुल लगाने की योजना को खारिज किया गया है।

आज हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग मंडी जॉन के मुख्य अभियन्ता नरेन्द्र पाल सिंह चौहान ने भी तीर्थन नदी पर बने क्षतिग्रस्त गुशैनी पुल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। इन्होंने बताया कि अभी इसी पुराने पुल को मुरम्मत करके यातायात के लिए बहाल किया जा रहा ताकि समय रहते लोगों को आवागमन की सुविधा मिल सके। इन्होने बताया कि तीर्थन नदी पर गुशैनी के पास एक बड़े नए पुल का निमार्ण किया जा रहा जिसकी डीपीआर तैयार हो चुकी जो कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

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