तुफान मेल न्यूज, कुल्लू जिला उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस. रवीश ने आगामी मॉनसून सीजन को देखते हुए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में ज़िला मानसून के दौरान सभी विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गई और विभागों को आवश्यक निर्देश दिए।

डीसी ने एनएचआई, बीआरओ और पीडब्ल्यूडी को सड़क किनारे उचित ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के निर्देश दिए, ताकि भारी बारिश के दौरान जलभराव और भूस्खलन जैसी समस्याएं न हों। इसके अलावा, पंचायतों को भी स्थानीय स्तर पर ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

उपायुक्त ने ज़िला के सभी बांधों से पानी छोड़ने से पहले प्रशासन और पंचायतों को समय रहते सूचित करने के निर्देश दिए । लोगों तक समय पर सूचना पहुंचाने के लिये हूटर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम से सूचना देने के निर्देश दिये गये। उन्होंने पंचायतों, आपदा मित्रों तक जानकारी समय पर पहुंचाने के भी निर्देश दिये।

उन्होंने सभी एसडीएम, वन विभाग और जिला पर्यटन विकास अधिकारी को मानसून के दौरान ट्रैकिंग परमिशन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की मौसम पूर्वानुमान संबंधी जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए जन जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया गया।
उपायुक्त ने सभी एसडीएम को भी समय पर अपने उपमंडलों में भी आगामी मॉनसून सीजन की तैयारियों पर बैठक करने के निर्देश दिये। उन्होनें उपमंडलों में असुरक्षित और बाढ़ की दृष्टि कि खतरनाक स्थानों की पहचान कर समय रहते
सैटलाइट फ़ोन चार्ज रखने और चालू रखने के निर्देश दिये।
डीसी ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि दूरदराज के क्षेत्रों में समय पर राशन, दवाइयों और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि आपात स्थिति में लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
डीसी ने बताया कि पंचायतों को पानी की जांच के लिए टेस्टिंग किट वितरित की गई हैं, ताकि ग्रामीण स्तर पर पेयजल की गुणवत्ता की नियमित जांच की जा सके। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जल टैंकों की समय पर सफाई करवाएं और पानी की टेस्टिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि मानसून के दौरान जलजनित बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि मॉनसून के दौरान बढ़ते नदी हादसों को रोकने के लिये संबंधित विभागों को निर्देश दिये कि जोखिमपूर्ण स्थानों की पहचान की जाए और वहां स्पष्ट और बड़े साइज में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं जिनमें लोगों को नदियों के पास न जाने और सतर्क रहने की अपील की जाए।
उन्होंने कहा कि निरमंड उपमंडल में श्रीखण्ड यात्रा महत्वपूर्ण है और हजारों लोग यहां दर्शन करने के लिये आते हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं सुरक्षा तथा सुविधा के लिये एक पंजीकरण सॉफ्टवेयर बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि यात्रा के सफलतापूर्वक आयोजन के लिये उपमंडल स्तर पर अलग से बैठक आयोजित की जायेगी।
उपायुक्त ने सभी विभागों को आपात स्थिति में प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपदा से निपटने के लिए सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी तालमेल से कार्य करें ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने में कोई बाधा न आए। साथ ही, आम जनता से अपील की गई कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।