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तूफान मेल न्यूज,कुल्लु।
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सृष्टि के रचयिता एवं पालनहार देव श्रीबड़ा छमाहूं की भविष्यवाणी सच साबित हुई है। देवता के पुजारी धनेश गौतम ने बताया कि देवता ने अपनी परिक्रमा के अंतिम दिन डोघर गांव में भविष्यवाणी की थी कि परिक्रमा समाप्त होते ही जैसे कोटला कोट में प्रवेश होंगें तो बारिश व बर्फबारी शुरू होगी। हुआ भी ठीक वैसा ही।
हालांकि देवता की भविष्यवाणी से सभी हैरान थे कि आसमान पूरी तरह साफ है और गुर ने भविष्यवाणी कर डाली। लेकिन जैसी भविष्यवाणी हुई थी ठीक वैसा ही हुआ और इससे श्रद्धालुओं की आस्था भी प्रवल हुई है और देवता की भविष्यवाणी पर विश्वास हुआ है कि देव श्रीबड़ा छमाहूं जो कहते हैं वोही होता है।
गौर रहे कि देव श्रीबड़ा छमाहूं नए रथ में सवार हुए हैं और भव्य आयोजन के बाद देवता क्षेत्र की परिक्रमा को निकले थे। इस दौरान हर गांव में देवता का भव्य स्वागत हुआ और शानदार आयोजन हुए। लोगों ने देवता का स्वागत आतिशबाजियों व फूलों की बरसात से किया। यही नहीं हर गांव में धाम का भी आयोजन हुआ।
देवता की भव्य जलेब गांव
फगवाना,ओड़ीधार,नाउली,कोटला,धराखरी,धामण,लारजी,
शैलउड़ी,चकुरठा,दलयाड़ा,
पढारणी आदि गांवों का दौरा कर चुके हैं। देवता 16 प्रविष्ट को दियाली के दूसरे दिन स्वर्ग प्रवास के लिए रवाना होंगे जबकि नव संवत को स्वर्ग प्रवास से लौटने के बाद कोटला गांव में नव संवत का भव्य आयोजन होगा। इसके बाद फगवाना गांव में नव संवत मनाया जाएगा और फिर से देवता अपनी परिक्रमा तय समय अनुसार करेंगें। गौर रहे कि देवता के रथ का पुनर्निर्माण हुआ और मूल स्थान दलयाड़ा में दो माह तक यह कार्य पूर्ण किया गया। इसके वाद दलयाड़ा गांव में 12,13 व 14 दिसंबर को भव्य आयोजन हुआ और चार छमाहूं यहां उपस्थित रहे। जबकि 65 देउल से भी देवता की भेंटें लेकर देउलू यहां पहुंचे।
इसके बाद देवता अपनी हारयान की परिक्रमा पर निकले। डोघर गांव में धाम का आयोजन हुआ और यहां देवता ने भविष्यवाणी की थी कि परिक्रमा के अंतिम पड़ाव कोटला कोठी पहुंचते ही बारिश व बर्फबारी होगी। इसके बाद देवता कोटला कोठी पहुंचे और बारिश शुरू हो गई। सनद रहे कि देवता का रथ जहां संपूर्ण रूप से सोने का है वहीं इस बार देवता के लिए अतिरिक्त तौर पर सोने का छतर,सोने का हार व सोने के जमाणो का भी निर्माण किया गया। जबकि देवता पहले से ही संपूर्ण रूप से सवर्ण रथ में विराजमान है।