लाहौल स्पीती का जिला आयुष विभाग औषधीय पौधों के सरंक्षण संवर्धन के लिए संवेदनशील


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आयुर्वेद स्वास्थ्य के केन्द्रों की औषधीय पौधों की संरक्षण में महतवपूर्ण भूमिका

तूफान मेल न्यूज , उदयपुर
उच्च हिमालय क्षेत्रों में पाए जाने वाले दुर्लभ, अति महतवपूर्ण और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पौधों के संरक्षण संवर्धन में हिमाचल प्रदेश का आयुष विभाग बहुत ही गंभीरता से सक्रिय है और अपने आयुर्वेद स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से इसकी वैज्ञानिक जानकारी लाहौल स्पीती जिले के वाशिंदों को उपलब्ध करवाने के लिए तत्पर है। दो दिवसीय 23-24 अक्टूबर 2024 “उच्च हिमालय के औषधीय पौधों की खेती, मूल्य संवर्धन और विपणन” पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ वनीता शर्मा ने कहा की वे किसानो को क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र, उतर भारत- 1 के माध्यम से और आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान जोगिंदर नगर के साथ मिलकर हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है। उन्होंने ये भी कहा की राज्य औषध पादप बोर्ड, स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बैठाकर बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेजिस के उपर भी कार्य करेगा।

इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आयुष मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, क्षेत्रीय एवं सुगमता केन्द्र, उतर भारत- 1 एवं आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान जोगिंदर नगर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। इस शिविर में कुल 98 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें 23 पुरुष और 75 महिलाएं किसान थी। दो दिन के अंदर छः रिसोर्स परसन ने अपने विषय संबंधी जानकारी दी और लोगों और किसानों की जिज्ञासाओं और उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान भी किया। कार्यशाला के अंत में एक संयुक्त कार्य योजना बनाई गयी कि आगामी समय में किस तरह से लाहौल स्पीती जिले में औषधीय पौधों के संरक्षण, संवर्धन के कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता है। राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरुण चंदन ने बताया कि क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र और राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड पुरे हिमालय राज्यों में हिमालय औषधीय पौधों के संरक्षण, संवर्धन के लिए संकल्पकृत है और इस विषय से जुड़े हुए सभी हितग्राहियों को समन्वय करते हुए संयोग एवं वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करने के लिए कार्यरत है।

टीम के साथ किसानों ने औषधीय पौधों की खेती को लेकर अपनी समस्याओं की चर्चा की और साथ ही स्कूल लेवल पर औषधीय पौधों की जानकारी को एक विषय के रूप में लाने का प्रस्ताव रखा। शिविर के आयोजन में कुमारी अविका सुब्बा, डॉ. श्वेता ठाकुर, डॉ. मिनाक्षी ठाकुर, और निखिल ठाकुर ने विशेष योगदान दिया और इस कार्यक्रम को सफल बनाया। इसके साथ ही लाडली फाउंडेशन की महासचिव अनीता नालवा के सहयोग से यह कार्यक्रम सफल रहा । टीम ने जिला परिषद् की चेयरमैन श्रीमती वीना रिक्केन, उपमंडलाधिकारी श्री केशव राम, ए. ऍम. ओ. डॉ. रविंदर कौंडल और अन्य आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर्स का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में लाहौल स्पीती के गणमान्य व्यक्तिओं ने शिरकत की और आयुष विभाग की इस पहल का तहे दिल से धन्यवाद किया।

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