देखें वीडियो,,,,,तीर्थन घाटी के शाईरोपा महिला मेले में दिखी ग्रामीण संस्कृति की झलक,दर्शकों को स्वच्छता, पर्यावरण, वन्यजीव संरक्षण और नशे से दूर रहने का दिया सन्देश,महिलाओं की कुल्लुवी नाटी प्रतियोगिता देखने उमड़ी लोगों की भीड़, सैलानी भी हुए बागबाग ,स्वयं सहायता समूह पांच बीर बरनागी नाटी में प्रथम और गुशैनी स्कूल की छात्राएं रही दुसरे स्थान पर


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तुफान मेल न्यूज, बन्जार्

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जिला कुल्लू में उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के साथ यहां की प्राचीनतम सभ्यता और संस्कृति के लिए भी जानी जाती है। शाईरोपा में हर साल मनाए जाने वाले वन्य प्राणी सप्ताह और महिला मेले का इस बार ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के वन मण्डल अधिकारी सचिन शर्मा द्वारा दो अक्टूबर को विधिवत शुभारंभ किया गया।

इस दौरान यहां पर अनेकों गतिविधियां संचालित की गई जिसमें स्थानीय महिलाओं के लिए कुल्लूवी नाटी प्रतिस्पर्धा का आयोजन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा। इस अवसर पर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के एसीएफ हंसराज ठाकुर, बागबानी विभाग कुल्लू की उप निदेशक नीना ठाकुर, जिला परिषद सदस्य मान सिंह, तीर्थन रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानन्द, सैंज रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेन्द्र सिंह, ग्राम पंचायत नोहांडा के प्रधान अंकुश शलाठ, वन विभाग के कर्मचारीगण, स्वैच्छिक संस्थाओं के सदस्य एवं पदाधिकारी विषेश रूप से उपास्थित रहे। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क प्रबंधन और बीटीसीए संस्था द्वारा हर वर्ष तीर्थन घाटी के शाईरोपा में मनाए जाने वाले महिला मेले में इस बार बीते वर्षों से कहीं ज्यादा भीड़ देखने को मिली है।

करीब डेढ़ दशक पूर्व से गांधी जयंती के अवसर पर मनाया जाने वाला यह मेला यहां की स्थानीय महिलाओं के लिए अपना मंच प्रदान करता है जिसमें मनोरंजन के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का भी बेहतर मौका मिलता है। अब इस मेले के दौरान भी परंपरागत मेलों की तरह शाईरोपा में दुकानें सजने लगी है। इस बार मेले में जहां महिलाओं के लिए कुल्लुवी नाटी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ वही घड़ा फोड़, कुर्सी दौड़ और नुक्कड़ नाटक प्रतिस्पर्धा भी करवाई गई। इसके साथ ही स्कूली छात्र छात्राओं के लिए भी प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस बार महिला मेले में घाटी के स्थानीय महिला मंडलों में से करीब 12 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने कुल्लुवी नाटी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। इस एक दिवसीय नाटी प्रतियोगिता में ग्राम पंचायत पेखड़ी से हंसपुरी स्वयं सहायता समूह मनहार, ग्राम पंचायत तुंग से पांच बीर स्वयं सहायता समूह बरनागी, चांदनी स्वयं सहायता समूह बलागाड़, स्वयं सहायता समूह आदर्श गांव दाड़ी, लक्ष्मी नारायण स्वयं सहायता समूह तींदर, पांच बीर स्वयं सहायता समूह गदेहड़, कालीनाग स्वयं सहायता समूह परबाड़ी, तीर्थन नारी शक्ति स्वयं सहायता समूह गांव जावल, संदीपनी ऋषि गांव अनाह श्रीकोट, जागृति स्वयं सहायता समूह रिखली, गुशैनी स्कूल की छात्राओं, और स्वयं सहायता समूह रोशल गांव हामनी आदि की महिलाओं ने इस कुल्लवी नाटी प्रतिस्पर्धा में अपने पारम्परिक परिधानों के साथ बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी अपनी कला का बखूबी प्रर्दशन किया है।

सभी महिलाओं ने दर्शकों को मंनोरंजन के साथ साथ मुख्यता बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण और नशे से दूर रहने का सन्देश दिया है। इस बार तीर्थन घाटी की दूर दराज ग्राम पंचायत श्रीकोट के अनाह गांव से भी महिलाओं के ग्रुप ने पहली बार इस कार्यक्रम में शिरकत की और अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन करके दर्शकों से बाहवाही लूटी।वन्य प्राणी सप्ताह आयोजन के दौरान हुई इस नाटी प्रतिस्पर्धा में ग्राम पंचायत तुंग से पांच बीर स्वयं सहायता समूह बरनागी प्रथम, गुशैनी स्कूल की छात्राएं द्वितीय स्थान, लक्ष्मी नारायण स्वयं सहायता समूह तींदर और जागृति स्वयं सहायता समूह रिखली तीसरे स्थान पर रहे। वहीं कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता में ग्राम पंचायत शिल्ली से परवाडी गांव की नेहा ने बाजी मारी और घड़ा फोड़ में तुंग की रीना प्रथम तथा पेखड़ी पंचायत से गदेहड गांव की आरती ठाकुर दूसरे स्थान पर रही है।स्कूली छात्र छात्राओं के लिए करवाई गई प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में ट्रिनिटी पब्लिक स्कूल बंजार की जागृति और अंशिता प्रथम, राजकीय उच्च विद्यालय तींदर की अंजली और कृतिका को द्वितीय और सेट मॉडल स्कूल बंजार के आमलया ठाकुर और मोहित तीसरे स्थान पर रहे। इस कार्यक्रम के दौरान करवाई गई विभीन्न प्रतियोगताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को समृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।वन मण्डल अधिकारी सचिन शर्मा ने बताया कि दुनिया भर की सात प्रकृति आधारित विश्व धरोहरों में से ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क भी एक है। विभाग द्वारा हर साल अक्टूबर माह के पहले सप्ताह को वन्य प्राणी सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इन्होंने बताया कि शाईरोपा में महिला मेले को मनाने का मुख्य उद्देश्य यहां की स्थानीय महिलाओं के लिए एक मंच प्रदान करना है जहां पर महिलाएं एकल सॉन्ग, समूह गान, नाटी और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों में स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्य जीवों के संरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, और नशे से दूर रहने बारे जागरुकता फैलाती है। इन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु अपने स्टाफ और इको टूरिज्म ग्रुप अनाह के स्वयंसेवी सदस्यों का आभार प्रकट किया है। इन्होंने बताया कि इस बार वन्य प्राणी सप्ताह ‘मानव वन्यजीव सह-अस्तित्व’ आधारित थीम पर मनाया जा रहा है। सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों की कड़ी में जीएचएनपी इको जॉन में स्थित स्कूलों वर्कशॉप, प्रश्नोत्तरी और पेंटिंग जैसी गतिविधियां संचालित की जाएगी। बंजार क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों सहित तीर्थन घाटी में घूमने आए देशी विदेशी पर्यटकों ने भी इस महिला मेले को देखने का भरपूर लुत्फ उठाया। सैलानी यहां की प्राचीनतम सभ्यता और संस्कृति को देखकर बागबाग़ हो उठे, कई तो इस कार्यक्रम की झलकियों को अपने कैमरों में कैद करके ले गए हैं। दोपहर बाद तो दर्शकों के लिए पंडाल भी छोटा पड़ गया भीड़ इतनी उमड़ी कि यहां पर तिल धरने को भी जगह नहीं बची। इसी दौरान स्थानीय लोगों और सैलानियों ने नव निर्मित नेचर लर्निंग पार्क में भी खुब चहल कदमी की है।

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