तुफान मेल न्यूज, कुल्लू
प्रदेश में गौवंश के सरंक्षण के लिए समय समय पर नीति बनाने व गौ अभ्यारण बनाने की माँग उठती आई है। गौवंश के संवर्धन के नाम पर शराब पर सरकार द्वारा उपकर लगाया गया है। बाबजूद इसके गौवंश की सड़कों पर आवारा पशुओं के रूप में संख्या बढ़ती जा रही है व प्रदेश में गौ-तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। गौ तस्करी के मामले सामने आने से प्रदेश में धार्मिक सौहार्द भी डगमगाया है। हिंदू बहुल प्रदेश में धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा मामला होने के कारण गौ-तस्करी एक संवेदनशील मामला है। प्रदेश में गत दो बर्षों में गौ तस्करी के 9 मामले सामने आए हैं जिनमें 82 गौ वंशों को तस्करी से बचाया गया है। यह जानकारी विधानसभा सत्र के दौरान बंजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेंद्र शौरी के सवाल के जवाब में सामने आई। विधायक शौरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सरकार ने इन सभी मामलों में तस्करी के स्रोतों व मामले के मुख्य सरग़नाओं को पकड़ने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। विधायक ने कहा है कि प्रदेश में ऐसे मामलों का बढ़ना प्रदेश सरकार की हमारी मान्यताओं के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। विधायक शौरी ने कहा है कि गौवंश से अपना निजी स्वार्थ साध कर बाद में उन्हें आवारा छोड़ने वाले लोगों पर सख़्त कार्यवाही की जानी चाहिए। सरकारी व व्यक्तिगत स्तर पर गौवंश को अबारा छोड़ने वालों पर नकेल कसी जानी चाहिए। इसके साथ ही विधायक शौरी द्वारा वुधवार को सदन में मादक पदार्थों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में ज़िला में नशे के बढ़ते उपभोग की बात भी सामने आई है। गत दो बर्षों में चिट्टा के 126 मामले सामने आए हैं और इनमें 175 गिरफ्तारियां हुई हैं। विधायक शौरी ने कहा है कि मादक पदार्थों के सेवन, परिवहन व बरामदगी के मामले साल दर साल घटने के बजाए बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे ने सरकार स्तर पर एक विशेष व ठोस नीति बनाए जाने की आवश्यकता है।