क्या है 20 भादो के शाही स्नान का महत्व,कुल्लू-मंडी में रही शाही स्नान की धूम

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तुफान मेल न्यूज,कुल्लू। 20 भादो का दिन हिमालय क्षेत्र में अति पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन मनुष्य ही नहीं बल्कि देवी-देवता भी प्राकृतिक जल स्त्रोतों में शाही स्नान करते हैं। खासकर संगम स्थलों पर विशेष भीड़ उमड़ती है।

जिला कुल्लू के जिया संगम,मकराहड़,मणिकर्ण के गर्म जल स्त्रोतों में,खीरगंगा,रुद्रनाग,मानतलाई आदि सरोवरों में शाही स्नान होता है। इसके अलावा ब्यास कुंड,क्लाथ,वशिष्ट में भी यह स्नान होता है। वहीं सरेलसर,तीर्थन नदी के अलावा हर गांव के प्राकृतिक जल स्त्रोतों में यह स्नान होता है। बुधवार को जिला कुल्लू के हर संगम स्थलों व जल स्त्रोतों पर स्नान करने की खूब धूम रही।

मान्यता है कि इस दिन जल स्त्रोतों में शाही स्नान करने से कई रोगों से जहां मुक्ति मिलती है वहीं लोग पूण्य कमाते हैं। यह भी मान्यता है कि इस माह पहाड़ों पर उगने बाली जड़ी-बूटियों का रस प्राकृतिक जल स्त्रोतों में मिलता है और 20 भादो को इसका सबसे अधिक प्रभाव होता है। इसलिए इस दिन स्नान करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है।

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