तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
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बड़े दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि जिस तरह विधायक सतपाल सती ने विधानसभा सत्र के दौरान दिनांक 29.08.2024 को अपने अभिभाषण में वन विभाग के वन रक्षक के उपर टिप्पणी की है वह निंदनीय व अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि वन रक्षक वन विभाग की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है और वन रक्षक सैंकड़ों बीगा जंगल में निहत्ता सर्दी, गर्मी, वर्फ व जंगली जानवरों की परवाह न करते हुए अपनी जान पर खेलकर वन काटुओं के व वन्य जानवरों के साथ अकेले भिड़ जाते हैं। यह बात चांद स्वरूप राणा प्रधान वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंग हिमाचल प्रदेश ने कही। उन्होंने कहा कि आपको ज्ञात ही होगा कि पूर्व में हमारे वन विभाग के कर्मचारियों के उपर कई बार जानलेवा हमला हुआ है और कई वन कर्मचारियों ने अपनी जान भी गंवा दी है लेकिन फिर भी न मालूम विधायक सतपाल सती को यह लगता है कि वन रक्षक ही वनों में वनों को कटवाता है जिस पर माननीय विधायक श्री सतपाल सती जी ने विधानसभा सत्र के दौरान दिनांक 29.08.2024 को अपने अभिभाषण में यह शब्द कहे थे। वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंग हिमाचल प्रदेश विधायक सतपाल सती के इन शब्दों का भरपूर खंडन करते हैं और महासंग चाहता है कि सतपाल सती अपने इन शब्दों को वापिस लें अन्यथा वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंग इसके विरोध में पूरे हिमाचल प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेगा। हां इस बात से महासंग सहमत है कि एक वन रक्षक को एक जंगल का एरिया ऐसा दिया जाए जिसमें कि पूर्ण रूप से तारवाड़ व पौधरोपण लगवाने के लिए दिया जाए।