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तुफान मेल न्यूज, कुल्लू।
भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग से संबंधित जिला स्तरीय बैठक का आयोजन अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अश्विनी कुमार की अध्यक्षता में किया गया।
उन्होंने कहा कि सभी उपमंडल अधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग के सभी मानकों पर कार्य करने के लिए प्रयास आरंभ करें तथा इसके पहले चरण में सभी संबंधित सरकारी इकाइयों एवं संस्थाओं को इस रेटिंग के लिए मानकों पर सही उतारने का प्रयास करें।
उन्होंने सभी उपमंडल अधिकारियों को इससे संबंधित उपमंडल स्तरीय कमेटी की बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए ताकि इस संबंध में सभी हितधारकों को विशेष कर जिन विभागों के रेस्ट हाउस इत्यादि जिला में संचालित होते हैं, उन्हें इसमें जोड़ने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि इसके दूसरे चरण में सभी निजी होटल तथा अन्य इस तरह के प्रतिष्ठानों को इस मुहिम से जोड़ा जाना है।
उन्होने कहा कि स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग
के उद्देश्य हैं कि पर्यटन इकाइयों के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से पर्यटन स्थलों की सौंदर्य अपील और स्वच्छता में सुधार करके उनकी प्रतिष्ठा में सुधार करना। भारत के पर्यटन उद्योग में स्वच्छता मानकों को बढ़ाने के उद्देश्य से आतिथ्य क्षेत्र में विश्व स्तरीय स्वच्छता और स्वच्छता को बढ़ावा देना, जल निकायों में प्रदूषण को रोकना और पर्यावरण को स्वच्छ रखना ।
उन्होंने कहा कि इसके लिए आतिथ्य उद्योग में कार्यान्वित किए जा रहे अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं, स्वच्छता, डस्टबिन की उपलब्धता, रीसाइक्लिंग पहल और स्वच्छता स्थाईत्व पर जन जागरूकता अभियान चलाना और स्वच्छता मानकों का आकलन करना।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त मानकों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर आतिथ्य क्षेत्र की इकाइयों को एक से पांच हरी पत्तियों के पैमाने पर रेटिंग दी जाएगी।
उन्होंने जानकारी कि स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग के तहत कुछ महत्वपूर्ण पैरामीटर तय किए गए हैं जिनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्रोत पर कचरे को अलग करने के लिए दो डस्टबीन की स्थापना करना।
स्थानीय स्क्रैप-डीलरों/कचरा बीनने बालों के साथ गठजोड़/ तालमेल के माध्यम से कचरे के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना। परिसर के भीतर गीले कचरे का प्रसंस्करणः ,स्थानीय प्राधिकारी को उपयोगकर्ता शुल्क का नियमित भुगतान। धूसर जल प्रबंधन, पर्यटन इकाई की सीमा के भीतर और आस-पास नालियों की नियमित सफाई करना। शौचालय की कार्यक्षमता / मल कीचड़ प्रबंधन,शौचालयों से निकलने वाले मल पदार्थ का उपचार आदी जैसे मानक हैं।
उन्होनें सभी को जुलाई माह के अंत तक इन सभी मानकों पर सही उतरने के लिए तैयार रहने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक की कार्यवाही का संचालन पीओडीआरडीए डॉ जयवंती ने किया।
बैठक में जिला पर्यटन अधिकारी सुनैना, जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर सहित विभिन्न अधिकारी वीडिओ कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित थे।