देखें वीडियो,,,,,थाची स्कूल में बच्चे के साथ मारपीट का मामला पहुंचा राष्ट्रपति के दरबार, गठित जांच टीम पर भी भेदभाव का आरोप

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बच्चे पर चोरी का इल्जाम लगाकर अध्यापक पर पीटने का आरोप

शिकायतकर्ता ने मारपीट करने बाले अध्यापक, प्रिंसिपल सहित पांच अध्यापकों पर कार्रवाई करने की मांग

तुफान मेल न्यूज,कुल्लू।

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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला थाची स्कूल के अध्यापक द्वारा बच्चों पर चोरी का आरोप लगाकर पीटने का मामला गंभीर है और इस पर कार्रवाई न होना सवालिया निशान पैदा कर रहे हैं। न्याय के लिए पिता दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। अब यह मामला राष्ट्रपति के दरबार पहुंचा, जहां से इस मामले की जांच करने के आदेश जारी हुए हैं लेकिन अब शिक्षा विभाग द्वारा गठित की गई जांच कमेटी पर भी पीड़ित छात्र के अभिभावक ने भेदभाव का आरोप लगाया है। छात्र के पिता इंद्र शर्मा एक बार फिर देश की राष्ट्रपति को शिकायत पत्र लिखकर मांग की है कि इस स्कूल में बच्चों की पिटाई करने वाले अध्यापक के साथ-साथ प्रधानाचार्य और अन्य अध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। शिकायत में जांच कमेटी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए इंद्र शर्मा ने शिकायत पत्र में लिखा है कि जब 14 जून को जांच टीम स्कूल आई तो वह भी अपने बच्चों के साथ स्कूल पहुंचा। लेकिन जांच टीम का रवैया उनके बच्चे और जो दो अन्य बच्चे मेरे बेटे की पिटाई करने के लिए गवाही बने हैं उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं किया। जांच टीम पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि अन्य बच्चों को इस जांच के दौरान प्रधानाचार्य के कार्यालय में कुर्सी पर बैठाया गया लेकिन मेरे बच्चे और मेरे बच्चे के पक्ष में गवाही देने वाले दो अन्य बच्चों को प्रधानाचार्य के कार्यालय के बाहर फर्श पर बैठा रखा।उन्होंने कहा है कि स्कूल में शास्त्री पद पर तैनात अध्यापक ने मेरे बेटे पर पहले चोरी का झूठा आरोप लगाया और फिर उसकी पिटाई कर दी।

जबकि स्कूल प्रधानाचार्य और अन्य अध्यापक मारपीट करने बाले अध्यापक को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।उन्होंने राष्ट्रपति को लिखी शिकायत में यह भी कहा है कि इस घटना से मेरा बेटा मानसिक रूप से परेशान चल रहा है जिसके चलते वह स्कूल नहीं जा पा रहा है। उन्होंने कहा कि यह घटना एक महीने पहले की है। लेकिन चुनाव होने के कारण इस मामले में पहले ही समय रहते कार्रवाई नहीं हो पाई है लेकिन अब राष्ट्रपति की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं परंतु जांच टीम द्वारा निष्पक्षिता से जांच नहीं की जा रही है। ऐसे में उन्होंने मांग की है कि इसकी जांच के लिए किसी बड़े अधिकारी को तैनात किया जाए ताकि उन्हें न्याय मिल सके और बच्चा स्कूल जा सके।

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क्या बोले कार्यकारी उप निदेशक सुशील शर्मा कार्यकारी उपनिदेशक उच्च शिक्षा मंडी ने कहा है कि राष्ट्रपति कार्यालय से इस मामले की जांच के आदेश हुए हैं जिसको लेकर विभाग ने जांच का जिमा प्रधानाचार्य स्तर के अधिकारी को दिया है। अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में आगे कुछ कहा जा सकता है। अगर शिकायतकर्ता जांच अधिकारी और जांच से संतुष्ट नहीं है तो वह इसकी आपत्ति जाहिर कर सकता है और इसकी जांच का जिमा किसी दूसरे बड़े अधिकारी को दिया जाएगा।

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