विधायक सुरेंद्र शौरी ने बंजार मेंले में लिया देव श्रीबड़ा छंमाहू से आशीर्वाद, देवता भी पहुंचे मिलने


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105 वर्षों वाद बंजार मेंले में शामिल हुए देव श्रीबड़ा छंमाहू, श्रद्धालुओं का लगा तांता
विधायक सहित हजारों लोग वने इस ऐतिहासिक पल के गवाह
तूफान मेल न्यूज,बंजार।
105 वर्षों वाद देव श्रीवड़ा छंमाहू का जिला स्तरीय वंजार मेंले में शामिल हुए और विधायक सुरेन्द्र शौरी सहित हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में इतिहास के पन्नों में देवश्री वड़ा छंमाहू का वंजार मेंला कार्यक्रम दर्ज हुआ है। इतिहास में पहली बार बंजार मेले में शिरकत करने पहुंचे देव श्रीवड़ा छंमाहू के साथ दर्जनों देवी देवताओं का भव्य मिलन हुआ है, जिसमें मुख्ता श्रृंगा ऋषि महाराज, देवता पंझारी लक्ष्मी नारायण, लक्ष्मी नारायण कलवारी, मार्कंडेय ऋषि वला, मार्कंडेय ऋषि लाहुड, लक्ष्मी नारायण चेडा, लक्ष्मी नारायण वाहू से भव्य मिलन हुआ है।

इस ऐतिहासिक पल के जहाँ वंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी गवाह वने है वही हजारों लोगों ने देवश्री वड़ा छंमाहू से आशीर्वाद लिया है। बता दे की जिला स्तरीय बाजार मेंले में दो दिनों ने वड़ा छंमाहू के दरवार में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है । इस ऐतिहासिक पंल को जहाँ विदेशी पर्यटक अपने कमरे में कैद करते रहे वही वंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी सहित हजारों लोगों ने देवश्री वड़ा छंमाहू के दरवार में हाजरी भरकर आशीर्वाद लिया। उल्लेखनीय है कि सृष्टि के रचयिता देव श्रीबड़ा छमाहूं 105 वर्षों के बाद बंजार मेले की शोभा बढ़ाने के लिए मेला मैदान वंजार में पंहुचते ही जहाँ देवी – देवता वड़ा छंमाहू के स्वागत में अपने अस्थाई टेंट से मिलने वाहर निकले हैं और देवश्री वड़ा छंमाहू के मैदान में प्रवेश होते ही मेंला मैदान देव धुन से गुंज उठा है।

देवता की शोभायात्रा कोटला गांव से लाव-लश्कर के साथ गुरुवार सुबह शुरू हुई थी और 4 बजे बंजार पहुंची । वंजार पंहुचने पर देवता श्रृंगा ऋषि सहित मेले में आए अन्य देवी-देवताओं से भव्य मिलन हुआ। पहली वार वंजार मेंले में 105 वर्षों वाद पंहुचे वड़ा छंमाहू के इस कार्यक्रम से श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है और कोटला गांव से बंजार तक देवता का जगह जगह भव्य स्वागत हुआ है। देवता के पुजारी धनेश गौतम, कारदार मोहन सिंह व देवता छमाहूं विकास कमेटी के सचिव शेर सिंह ने बताया कि देवता ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि वह किसी बड़ी आपदा के समाधान के लिए बंजार मेंले में शामिल हुए हैं। वही मेले में विराजमान होकर श्रद्धालुओं के दुख दर्द का भी निवारण किया जा रहा है । वड़ा छंमाहू के दरवार में दो दिनों से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। वहीं देव श्रीवड़ा छंमाहू स्थानीय देवताओं से भी गुप्त मंथन कर रहे हैं । वता दे कि सृष्टि के रचयिता देव श्रीबड़ा छमाहूं जहाँ 105 वर्षों वाद वंजार मेंले की शोभा वढ़ाने के लिए वंजार पंहुचे है वही लक्ष्मी नारायण थणी चेडा व लक्ष्मी नारायण कलवारी भी पहली वार वंजार मेंले में शामिल हुए हैं। आराध्य देवता देव श्री श्रृगा ऋषि की अगुवाई में मनाए जाने वाले जिला स्तरीय बंजार मेले में देवी देवताओं का भव्य मिलन हुआ है इस देव मिलन के हजारों लोग गवाह बने हैं। खास वात यह है कि सृष्टि के रचयिता देव श्री बड़ा छंमाहू 105 वर्षों वाद हजारों देवलू संग लाव लश्कर के साथ मेंला मैदान वंजार पंहुचे है जहाँ देवता कमेटी व मेला कमेटी ने वड़ा छंमाहू का जोरदार स्वागत किया है। वहरहाल जिला स्तरीय वंजार मेंले में विधायक सुरेन्द्र शौरी सहित हजारों लोगों ने देव श्रीवड़ा के दरवार में हाजरी भर कर आशीर्वाद लिया है। छह देवों की सामूहिक शक्ति है छमाहूं छमाहूं ही ब्रह्म है,छमाहूं ही विष्णु है,छमाहूं ही महेश है और छमाहूं ही शक्ति है,छमाहूं ही अंनत है और छमाहूं ही शेष है। छमाहूं का अर्थ है ब्रह्मा,विष्णु,महेश,आदि अंनत,शक्ति,शेष। अर्थात छमाहूं के रथ में ही यह सभी देव ब्रह्मा,विष्णु,महेश,आदि,शक्ति, शेष वास करते हैं। भगवान विष्णु ने सृष्टि की रचना के बाद इन सभी देवों को अपने में समाहित किया था और छमाहूं के रूप में अवतारित हुए। धनेश गौतम पुजारी देव श्रीबड़ा छमाहूं

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