हिमाचली टोपी एवं दुपट्टा पहनाकर अभिनन्दन व स्वागत कियाअर्ध चांद्रायण तप साधना 09 मई से 23 मई तक चलेंगे
तुफान मेल न्यूज, मनाली।
विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली द्वारा आयोजित 15 दिवसीय ध्यान साधना शिविर में आज प्रातःकालीन सत्र में समागत साधकों को बोलते हुए परम श्रद्धेय सदगुरुदेव सुधांशु जी महाराज ने कहा कि आप अशान्त होते हैं तो मायालोक से जुड़ जाते हैं। आपकी जिन्दगी को आदतें ही चला रही है।

शान्त होते जाएं, कोई विचार नहीं, कोई भावना नहीं। गहरे उतरते जाएं और पूर्ण शान्ति का अनुभव करें अपने अन्दर। शरीर जैसे खो गया है, न कोई पुराना न कोई नया। यही क्षण और इसी क्षण में स्थिर हो जाएं। शान्ति के केन्द्र बिन्दु में अपना भाव टिकाएं।ध्यान के माध्यम से अपने भक्तों को सुख का अनुभव कराते हुए राष्ट्र संत श्री सुधांशु जी महाराज ने ध्यान के विभिन्न नियमों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि खुद को चार्ज होने दें, आपके अन्दर शांति का वास हो रहा है।

प्रेम की ऊर्जा से अपने हृदय को बंधने दें, प्रेम वाले व्यक्तित्व बन जाएं। दया और करुणा को अपनी ओर खींचे। परमात्मा की करुणा और कृपा को अपने अन्दर अनुभव करें। प्रसन्नता की ऊर्जा को अपनी ओर आकृष्ट करें। प्रभु ने जीतना भी दिया है, उतने में ही खुश रहने की आदत बनाएं।

विश्व जागृति मिशन के मनाली प्रतिनिधि पवन गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पूज्य गुरुदेव सुधांशु जी महाराज अपने साधकों को ध्यान साधना शिविर हेतु विभिन्न राज्यों में लेकर जाते हैं। इसी कड़ी में मई के महीने में व्यास नदी के तट पर मनाली के साधना धाम में आए ध्यान शिविर के दूसरे सत्र में आए हुए नए साधकों को विश्व जागृति मिशन के राष्ट्रीय महामंत्री देवराज कटारिया एवं केन्द्रीय प्रतिनिधि रविन्द्र गांधी जी ने सम्मानपूर्वक स्वागत एवं अभिनन्दन किया।