ग्रामीणों ने की पीएम मोदी से फोन पर बात
नेटवर्क देने के लिए जताया पीएम का आभार
तुफान मेल न्यूज, केलांग
आजादी के बाद अब हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति का दुर्गम ग्यू गांव भी अब मोबाइल नेटवर्क से जुड़ गया है। वही मोबाइल नेटवर्क के आने पर ग्रामीणों ने पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। गांव में नेटवर्क आने पर पीएम मोदी ने स्थानीय लोगो के साथ भी मुलाकात की और वहां के हालात के बारे में जानकारी ली। लाहौल स्पीति जिले में 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव ग्यू गांवe पहला फोन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने गांव के शिक्षक दोर्जे से मोबाइल नेटवर्क आने के लाभों के बारे में चर्चा की। बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा ‘दोर्जे जी बधाई हो आपके गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया। मैं दीपवाली के समय आया था तो इस समस्या का पता चला था। यहां बिना बताए आने पर भी लोगों ने खूब सम्मान किया था। गांव की माताओं को मोबाइल फोन का तो पता था लेकिन नेटवर्क न होने के कारण दिक्कत थी। अब नेटवर्क आने से गांव के लोग अपने परिचितों से बात कर सकेंगे। ग्रामीण दोर्जे ने भी प्रधानमंत्री का ग्रामीणों की ओर से आभार जताते हुए कहा कि इससे पहले हमें मोबाइल नेटवर्क के लिए आठ किलोमीटर दूर समदो जाना पड़ता था। हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि हमारे गांव में मोबाइल नेटवर्क आ गया। आपके दौरे के बाद यहां पर मोबाइल टावर लगने और जमीन संबंधित प्रक्रिया केवल 23 दिन में ही पूरी हो गई थी। वही, पीएम ने पूछा कि मोबाइल फोन नेटवर्क आने से क्या लाभ होगा। ग्रामीण दोर्जे ने कहा हम अपने बच्चों को और बेहतर जानकारी दे सकेंगे। जो इंटरनेट के जरिये मिल सकती है। हमारे रिश्तेदार जो घरों से दूर हैं। उनसे भी आसानी से बात हो जाएगी और स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि वह संगठन के काम के चलते कई बार स्पीति आया है। लाहौल के रहने वाले टशी दवा मेरे अच्छे परिचित थे। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मित्र थे। घाटी के ग्रामीण सत्तू भी बहुत स्वादिष्ट बनाते हैं और वहां तो सत्तु आर्गेनिक होता है। वह समय लाजवाब था, लेकिन चुनौतियां कम नहीं थीं।
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पीएम ने गांव की समस्याओं के बारे में जाना
प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत में वहां की समस्याओं के बारे में भी पूछा। दोर्जे ने बताया कि अभी यहां तापमान माइनस चार से पांच डिग्री सेल्सियस है। मानसून में यहां सबसे अधिक दिक्कत आती है। कुछ समय पहले वर्षा से 17 हेक्टेयर जमीन बह गई है।
पीएम ने कहा कि साल 2014 में जब हमने सरकार बनाई थी तो यह लक्ष्य था कि हर गांव में बिजली और मोबाइल फोन नेटवर्क पहुंचाना है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमांत क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रयास किए हैं। पहले की सरकारों ने इन क्षेत्र को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिय था। वह लोगों के जीवन की सुगमता क प्राथमिकता देने के बाद उनके जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इससे दूर-दराज के क्षेत्रों, गरीबों व मध्यम वर्ग को फायदा होगा।