तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। सियासी म्यान लाहुल-स्पीति और इस म्यान में दो तलवारें क्या रह पाएगी। हलांकि यह मशहूर कहावत की एक म्यान में दो तलवारें नहीं रहती है लेकिन फिलहाल तो यही नजर आ रहा है कि दोनों तलवारों को लाहुल की एक म्यान में ही एडजस्ट होना पड़ेगा। उधर डाक्टर रामलाल मार्कंडेय रूपी तलवार कम तीखी नहीं है। रवि ठाकुर ने जहां कांग्रेस की म्यान की फाड़ दी क्या वहीं अब मार्कंडेय भी भाजपा की म्यान फाड़कर बाहर निकलते हैं या फिर उसी में दुबके रहेंगें यह देखने योग्य होगा। सूत्र यह भी बताते हैं कि मार्कंडेय कांग्रेस की म्यान में जा सकते हैं।

लेकिन कांग्रेस अपने कुनबे में उन्हें स्थान देगी यह भी भविष्य के गर्व में हैं। रामलाल मार्कंडेय मूलतः कांग्रेसी है। छात्र जीवन से ही कांग्रेस में रहे हैं और एनएसयूआई से अपना जीवन शुरू किया है लेकिन 1998 में वे सुखराम की पार्टी हिविकां से जीते और हिविकां ने भाजपा को समर्थन दिया था और रामलाल मार्कंडेय लाहुल से मंत्री बने थे। इसके बाद हिविकां का विलय भाजपा में हुआ था और तब से मार्कंडेय भाजपा के हुए। उसके बाद वे एक बार फिरसे भाजपा की सरकार में मंत्री बने थे। गत चुनाव वे हार गए और वर्तमान में लाहुल में भाजपा को मजबूत करने में जुटे थे लेकिन हैरान कर देने बाला घटनाक्रम यह घटा कि जिस कांग्रेस के उम्मीदवार रवि ठाकुर ने रामलाल मार्कंडेय को हराया था बोही रवि ठाकुर अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। अब देखना यह है कि आगामी घटनाक्रम क्या होगा क्या दोनों दिशाएं एक होगी या फिर अलग-अलग ही चलेगी।