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पांच जिलों के पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों ने लिया हिस्सा
पंचायत स्तर तक कोली समाज के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान पर हुआ मंथन
हिमाचल कोली समाज की बनेगी वेबसाइट, होगा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल-अमर चन्द शलाठ.
तुफान मेल न्यूज, बन्जार परस राम भारती
हिमाचल प्रदेश कोली समाज नव निर्वाचित राज्य कार्यकारणी की बैठक रविवार को शिमला स्थित प्रदेश कार्यालय कौशल निवास नजदीक शिव मंदिर कामना नगर चक्कर में सम्पन्न हुई। इस बैठक का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष अमर चन्द शलाठ की अध्यक्षता में किया गया जिसमें राज्य कार्यकारिणी के नव निर्वाचित पदाधिकारियों, संरक्षकों, पूर्व में रहे राज्य कार्यकरिणी के पदाधिकारियों, जिला के अध्यक्षों, सदस्यों और सचिवों ने हिस्सा लिया। जिला कुल्लू में गत माह हुए चुनाव में हिमाचल कोली समाज से नव निर्वाचित राज्य कार्यकरिणी सदस्यों की यह पहली ही बैठक थी। इस बैठक में कोली समाज राज्य ईकाई के कार्यकारी सदस्य तथा वर्तमान में उपमंडल अधिकारी उदयपुर जिला लाहौल एवं स्पीति केशव राम कोली विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसके अलावा पूर्व में रहे कर्मचारी नेता एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रोशन लाल डोगरा, उत्तम सिंह कश्यप, लायक राम कश्यप, जगदीश सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय पुंडीर, प्रदेश महासचिव गोपाल झिलटा, सह सचिव प्रभा शांडिल, उपाध्यक्ष राजेश कोश, जिला मण्डी के अध्यक्ष काहन सिंह चौहान, जिला कुल्लू के अध्यक्ष डिणे राम आनन्द आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश कोली समाज की स्थापना वर्ष 1978 में जिला सोलन से तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी रहे कुनिहार निवासी स्वर्गीय नन्द लाल कौशल द्वारा की गई है। इस समाज का कार्यक्षेत्र समस्त हिमाचल प्रदेश कोली समुदाय तक सीमित है और यह संगठन अखिल भारतीय कोली समाज से सम्बद्ध है, जिसका मुख्य उद्देश्य राजनीति से हटकर कोली समुदाय के आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक उत्थान के साथ शिक्षा, मानवता, भाईचारा, जातीय समरसता एवं समानता कायम करना है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में से 6 जिलों क्रमशः कुल्लू, मण्डी, शिमला, सोलन, सिरमौर और कांगड़ा में जिला व खण्ड स्तर पर कोली समाज की कार्यकारिणी गठित हो चुकी है जिनका कार्यकाल तीन वर्ष तक रहता है। इन छह जिलों में सभी अनूसूचित जातियों में से कोली समुदाय की जनसंख्या सर्वाधिक है।हिमाचल प्रदेश कोली समाज के प्रदेश अध्यक्ष अमर चन्द शलाठ ने इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी उपस्थित सदस्यों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया। इन्होने पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी पदाधिकारीयों द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की है और सभी के सहयोग तथा मार्गदर्शन से कोली समुदाय को हर क्षेत्र में आगे ले जाने की बात कही है।
इन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हर जिला और खण्ड स्तर तक कोली समाज की इकाईयों को मजबूत किया जाएगा जिसके लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। सभी खण्डों की हर ग्राम पंचायत से कोली समुदाय की जनसंख्या के आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे जिसका ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जाएगा। शीघ्र ही कोली समाज की एक वेबसाईट बनाई जाएगी जिसमें समुदाय से संबंधित सभी गतिविधियों को अपलोड किया जाता रहेगा। इन्होंने बताया कि संस्था में हुए प्रत्येक लेनदेन और लेखा जोखा में पूर्णतया पारदर्शिता बनी रहेगी।इस बैठक के दौरान गांव स्तर तक कोली समुदाय के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान, शिक्षा के प्रचार प्रसार, सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास और नशाखोरी से दूर रखने तथा लोगों को अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसे अनेकों मुद्दों पर गहन विचार विमर्श हुआ। इस दौरान उपस्थित सदस्यों द्वारा कार्यकारिणी के समक्ष समाज की बेहतरी के लिए अपने अपने सुझाव भी रखे गए। इसके अलावा कोली समुदाय से संबंधित महापुरषों की जंयती और स्थापना दिवस मनाए जाने पर भी चर्चा हुई। शिमला में कोली समाज के भवन निर्माण कार्य की प्रगति और कोली कल्याण बोर्ड के गठन जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा परिचर्चा हुई। अब जिला मण्डी में जून माह को कोली समाज राज्य कार्यकरिणी की अगली बैठक आयोजित की जाएगी।गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा की आरक्षित सीटों पर कोली समाज निरन्तर प्रतिनिधित्व कर रहा है। वर्तमान में भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 17 आरक्षित सीटों में से 8 विधायक कोली समुदाय से ताल्लुक रखते है जो कि समाज के लिए एक गौरव की बात है। पूर्व में भारत के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद का सम्बंध भी कोली समाज से है जो अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इससे अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा, हिमाचल प्रशासनिक सेवा, मेडिकल, साइंस, इंजीनियरिंग, अध्यापन, सेना, खेल, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी कोली समुदाय अग्रणी है।