पारंपरिक कुल्लवी संस्कृति को गीतों के संग्रह से बचाने का प्रयास : डॉ. विद्यासागर

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कुल्लवी नाटी वॉल्यूम जीरो-एक एलबम का विमोचन
तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
कुल्लू के लोक कलाकार जीवन बुडाल की कुल्लवी नाटी वॉल्यूम जीरो-एक एलबम का शनिवार को
शास्त्रीय संगीत गुरु एवं गोल्ड मेडलिस्ट हारमोनियम वादन डॉ. विद्या सागर ने विमोचन किया। इस मौके पर डॉ. विद्या सागर ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि इस नाटी एलबम में 12 पुरानी नाटियों का संग्रह है। उन्होंने बताया कि पारंपरिक कुल्लवी संस्कृति को गीतों के संग्रह से बचाने का प्रयास किया गया है और इस प्रयास से युवा समृद्ध कुल्लवी नाटी के तौर-तरीकों से अवगत होंगे। युवा जितने पारंपरिक कुल्लवी संस्कृति को जानेंगे उतना ही इसके संरक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने इसके लिए लोक कलाकार जीवन बुडाल को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। वहीं, इस मौके पर जीवन बुडाल ने कहा कि वे पारंपरिक कुल्लवी नाटी के संरक्षण पर काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कुल्लवी नाटी वोल्यूम जीरो एक एलबम बनाई है। इसमें पारंपरिक 12 गीतों का संग्रह है। उन्होंने कहा कि एलबम में पारंपरिक कुल्लवी गीत भेड़े ता चौडू ठूलडू, भाउआ रुपिये, धारी बी ता धारी शैता चेलुआ, देश शोभला हिमाचल म्हारा, लाल चिडिय़े सेरी बे जाना, ठंडे हिउये रा पाणी, ऐजे म्हारी मनाली, थिंपू चित्रा पौटू, शामिल किए गए हैं

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