कहा-ऊन और अंगोरा का मिश्रण कर रहा है पश्मीना का मुकाबला
तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
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पूर्व मंत्री एवं सहकारिता आंदोलन के अग्रदूत सत्य प्रकाश ठाकुर ने कहा है कि अंगोरा वूल पर आर एंड डी (रिचार्च एंड डिवेलपमेंट) जरूरी है। अंगोरा का अन्वेषण करने से विकास होगा और यह कार्यक्रम देश व प्रदेश के किसानों को विकसित करने का एक अच्छा फार्मूला साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अंगोरा वूल पर किसानों को लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊन और अंगोरा के मिश्रण व वलेंड करने से यह वूल पश्मीना का मुकाबला कर रही है। वे यहां उतरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र गड़सा के 62 वें स्थापना दिवस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले यूरोप,जर्मन,रशिया आदि देशों से अंगोरा वूल के लिए निर्भर रहना पड़ता था लेकिन वर्तमान में भारत भी अंगोरा उत्पादन के लिए पहचान बना चुका है। देश-विदेश की सुप्रसिद्ध भट्टिको सोसायटी ने अंगोरा के उत्पाद तैयार किए और आज सहकारिता से जुड़े सभी लोग अंगोरा वूल के उत्पाद तैयार कर रहा है और हम तो इसके उत्पाद एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार व हिमाचल सरकार को अंगोरा पर लाभकारी मूल्य तय करने चाहिए ताकि खरगोश पालने बाले किसानों को लाभ मिल सके और उनकी रुचि इस ओर बढ़ सके। तभी किसान आत्मनिर्भर भी होगा। उन्होंने कहा कि एक समय अंगोरा उत्पादन में क्रांति आ गई थी लेकिन इसकी अच्छी मार्किटिंग न होने से इसका उत्पादन घट गया है। लिहाजा इस पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।