खेल का जुनून,14 वर्षों में मीना शर्मा ने जीते 16 गोल्ड मेडल, फिर भी उपेक्षा की शिकार


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तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।

किसी भी क्षेत्र में कुछ करने का जुनून हो,हौसला हो,आत्म विश्वास के साथ लग्न हो तो पहाड़ को उड़ाया जा सकता है और समंदर को सुखाया जा सकता। इसका जीता-जागता उदाहरण है कराटे में ब्लैक बेल्ट और विभिन्न प्रकार की खेलों में महारत हासिल कुल्लू की मीना शर्मा। स्कूली समय से खेल में आगे बढ़ी और 12 राज्य स्तरीय कबड्डी व बॉलीबाल के मैच खेले। यही नहीं अपनी टीम की कैप्टन भी रही।

कठिन व विकट परिस्थितियां भी मीना को खेल के मैदान से नहीं हटा पाई और आज मीना के पास पांच वर्ष के बेटे के पालन-पोषण का भी जिम्मा है,लेकिन खेल के मैदान को नहीं छोड़ा है। मीना शर्मा नई पीढ़ी के लिए सिर्फ प्रेरणास्रोत ही नहीं बनी है बल्कि उनका मार्गदर्शन भी कर रही है।

मीना शर्मा खेल में ऑलराउंडर है। कबड्डी व बॉलीबाल के अलावा शॉटफुट,डिस्कस थ्रो,जेवलिंग थ्रो,हाई जंप,लांग जंप में भी महारत हासिल की है। यही नहीं कराटे में ब्लैक बैल्ट है और जुडो व ताइक्वांडो में भी लोहा मनवा चुकी है। कुल्लू जिला के चेष्टा में किसान परिवार के घर जन्मी मीना शर्मा बास्केटबॉल जिला कुल्लू की वाइस प्रेसिडेंट भी है।

खेलो इंडिया में जहां कराटे में गोल्ड मैडल हासिल कर चुकी है वहीं हाल ही में 9वीं चैंपियनशिप 2024 जिसका आयोजन इंडिया गेम्ज एंड स्पोर्टस फेडरेशन के बैनर तले हुआ में मीना ने व्यक्तिगत तौर पर 3 गोल्ड जीते जबकि मीना की टीम ने 19 गोल्ड लाए। यही नहीं कबड्डी व बॉलीबाल में कैप्टन मीना की टीम नेशनल स्तर पर रनरअप रही। हैरानी इस बात की है कि मीना ने अपना पूरा जीवन खेलों के लिए समर्पित किया लेकिन सरकार और विभिन्न फेडरेशनों की बेरुखी से आज भी मीना को कोई स्थाई नोकरी नहीं मिल पाई है। मीना को मलाल है कि जिन युवतियों को मीना ने अपनी टीम में शामिल किया था उनमें से कुछ आज बड़े-बड़े ओहदों पर बैठी है लेकिन मीना की प्रतिभा को सबने नजरअंदाज किया।

—कहां हुई चूक—–

ऊना में राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान मीना शर्मा व उसकी टीम की सलेक्शन होस्टल के लिए हुई। लेकिन साथ गए खेल अध्यापक ने यह कहकर होस्टल भेजने से मना कर दिया कि अभिभावकों की अनुमति के बिना मैं टीम को होस्टल नहीं भेज सकता। उसके बाद मीना शर्मा को होस्टल में शामिल होने का पत्र भेजा गया लेकिन वह मीना के पास पहुंचा ही नहीं। उस दौरान जो खिलाड़ी होस्टल चले गए वे आज राष्ट्रीय चैंपियन के साथ अच्छे ओहदों में भी विराजमान है।

—-राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कबड्डी चैंपियन कविता ठाकुर की टीम की कैप्टन रही है मीना शर्मा

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी एवं वर्तमान में कुल्लू जिला खेल अधिकारी कविता ठाकुर की टीम की कैप्टन मीना शर्मा ही रही है। मीना को खुशी इस बात की है कि उनकी टीम के खिलाड़ी आज ऊंचे ओहदों पर है लेकिन मलाल इस बात का है कि वह आज भी देश के लिए खेल तो रही है लेकिन उपेक्षा का शिकार है।

—-अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए हुआ चयन

इंडियन गेम्ज एंड स्पोर्टस फेडरेशन के बैनर तले दिल्ली में आयोजित होने बाली अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए मीना शर्मा व उसकी टीम की चार लड़कियों का चयन हुआ है। आगामी माह आयोजित होने बाली इस चैंपियनशिप के लिए शुरुआती फीस 25 हजार रुपए हैं और उसके हर इवेंट में भाग लेने के लिए 3000 अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। मीना शर्मा ऑल राउंडर खिलाड़ी है और इस तरह वह पांच अन्य खेलों में भाग लेना चाहती है और उसके लिए 1500 अतिरिक्त अदा करना होगा। लिहाजा खिलाड़ियों को मैदान में उतरने के लिए संघर्ष के साथ- साथ धन की भी व्यवस्ता करनी पड़ रही है। इससे स्पष्ट होता है कि खेल नीति कितनी लचर है।

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