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12 गलत फैसलों ने जनता पर डाला आर्थिक बोझ
बिगड़ती कानून व्यवस्था से प्रदेश की जनता में बढ़ा डर
तूफान मेल न्यूज,कुल्लू।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार का 1 साल का कार्यकाल काफी निराशाजनक रहा है और एक साल में सरकार ने केंद्र सरकार से 12000 करोड़ का कर्ज भी लिया है। उसके अलावा सरकार के द्वारा कई ऐसे जन विरोधी निर्णय लिए गए। जिससे प्रदेश को काफी नुकसान पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश भाजपा के मीडिया सह प्रभारी अमित सूद ने बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की समय-समय पर आर्थिक रूप से मदद की। लेकिन उस पैसे का भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार सही उपयोग नहीं कर पाई और उसे पैसे को अपने ऐशो आराम के लिए सरकार के द्वारा खर्च किया गया। अमित सूद का कहना है कि साल 2022 की अगर बात करें तो कांग्रेस सरकार के द्वारा 12 ऐसे गलत फैसले लिए गए। जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ा। 12 महीने के भीतर इन 12 गलत फेसलों के चलते प्रदेश में जहां महंगाई बढ़ गई। तो वही लोगों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसी तरह से गलत फैसला लेती रही तो इससे प्रदेश विकास की दृष्टि से पिछड़ जाएगा और प्रदेश की जनता को भी इससे होने वाली परेशानियों से जूझना पड़ेगा।
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अमित सूद ने बताया कि सरकार के द्वारा अपना पहला गलत फैसला प्रदेश में 1050 संस्थानों को बंद करने का लिया गया। जो पूर्व भाजपा सरकार ने आप जनता के हित में खोले थे। दूसरा गलत फैसला सरकार ने डीजल पर 6 रुपए बढ़ाकर लिया और तीसरा गलत फैसला सरकार ने सीमेंट की बोरी के दाम बढ़ाकर लिया। अमित सूद ने बताया कि चौथा गलत फैसला सरकार ने बिजली की प्रति यूनिट पर 22 पैसे बढ़ाकर लिया। हालांकि सरकार ने जनता को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की गारंटी दी थी। सरकार उसे तो पूरा नहीं कर पाई उल्टा बिजली को ही महंगा कर दिया गया। पांचवा गलत फैसला कांग्रेस सरकार ने उद्योगों की बिजली 19 प्रतिशत महंगी कर लिया। सरकार को चाहिए कि वो उद्योग को हिमाचल में लाए लेकिन बिजली महंगी कर सरकार प्रदेश से उद्योग को बाहर का रास्ता दिखा रही है। छठा गलत फैसला सरकार ने राजस्व विभाग पर रजिस्ट्री से लेकर स्टैंप ड्यूटी को भी बढ़ाकर लिया जिससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। इसके अलावा सरकार ने पर्यटन उद्योग पर भी बाहर से आने वाली ट्रांजैक्शन पर टैक्स बढ़ाकर सातवां गलत फैसला लिया है। प्रदेश भाजपा मीडिया सह प्रभारी अमित सूद ने बताया कि सरकार का आठंवा गलत फैसला शराब की बोतल पर 10 रुपए मिल्क सेस के नाम पर लेना है। सरकार ने यह सेस तो ले लिया लेकिन आज तक किसी भी पशुपालक से 100 रुपए लीटर दूध नहीं खरीदा गया। सरकार ने नौंवा गलत फैसला प्रदेश के मंदिरों को लेकर लिया। जहां श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए भी आज फीस चुकानी पड़ रही है। अमित सूद ने बताया कि सरकार अपने दसवें गलत फैसले में बिना सोचे समझे प्रदेश में स्टोन क्रशर को बंद कर दिया। जिस कारण रेत बजरी की कीमतें 3 गुना बढ़ गई। 11वे गलत फैसले के चलते प्रदेश में विभिन्न विभागों में लगे दस हजार के लगभग आउट सोर्स कर्मचारियों को हटाया गया। उन्होंने बताया कि सरकार ने 12वा गलत फैसला यह लिया कि शहरी निकायों की 50 % ग्रांट ईन ऐड को भी वापिस मांग लिया गया। जिस कारण शहरी निकायों में आज विकास कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
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प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी अमित सूद ने बताया कि इसके अलावा सरकार के द्वारा विधायक निधि की किस्त को भी रोक दिया गया और प्रदेश की विभिन्न विधानसभा में विकास कार्य ठप्प हो गए। उन्होंने बताया कि सरकार ने सहारा एवं हिमकेअर योजनाओं के लिए धनराशि भी जारी नही की। जिसके चलते बीमारी से जूझ रहे लोगो को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।वही, कांग्रेस सरकार ने इसके अलावा सेब उत्पादकों को भी सरकार ने अपने सेब के दाम तय करने की गारंटी दी थी। जो आज तक पूरी नहीं हो पाई है।
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अमित सूद ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की बात करें तो चंबा जिला में मनोहर लाल हत्याकांड, सिरमौर जिला में हत्याएं, दुष्कर्म व महिला उत्पीड़न के मामले पूरे प्रदेश में बढ़े हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर के गृह जिला हमीरपुर में भी एक महिला के बाल काटकर उसका मुंह काला कर गांव में घुमाया गया। वहीं हमीरपुर जिला में ही नशे के कारोबार में कई गुना वृद्धि हुई है। एन आई टी हमीरपुर में भी सिंथेटिक ड्रग्स कारोबार का भंडा फोड़ हुआ था और एक छात्र के बीच मौत हुई थी। इसके अलावा बद्दी में एक उद्योग में कार्यरत हरियाणा की युवती के साथ भी दुष्कर्म का मामला सामने आया था। प्रदेश में हत्या की बात करें तो अब तक 67 मामले सामने आए और नशे से संबंधित 1715 मामले सामने आए हैं। इससे पता चलता है कि हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था किस तरह से गड़बड़ा गई है और आमजन अब खुले में घूमने में भी डर रहा है।