तूफान मेल न्यूज,केलांग।
लाहुल घाटी के आराध्यदेव राजा घेपन की यात्रा अंतिम पड़ाव में पहुंच गई है। राजा घेपन लाहुल आराध्यदेवी भोटी के साथ समस्त घाटी का भ्रमण करने के बाद रोहतांग से सटे गांव कोकसर पहुंच गए हैं। कोकसर के ग्रामीणों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देने के बाद राजा घेपन ने बुधवार को रोहतांग दर्रे के नीचे लाहुल के आखिरी क्षेत्र में पहुंचकर बुरी आत्माओं को भगाया और घाटी की सुख समृद्धि के लिए पूजा की। मान्यता है कि इस रथयात्रा के दौरान राजा घेपन लाहुल के वासियों के लिए एक सुरक्षा घेरा बना देते हैं। इस घेरे से श्रद्धालुओं को राजा घेपन की अगली यात्रा तक के लिए सुरक्षा मिलती है। आज रात्रि ठहराव डिंफुक गांव में हुआ। जगराते के बाद 28 सुबह को देवी-देवता बापसी की राह पकड़ेगी। देवता राजा घेपन को प्रसाद में ताजा मक्खन चढ़ाया गया। कोकसर से आराध्यदेव डिम्फुक गांव पहुंचे। डिम्फुक गांव की महिलाओं ने पारंपरिक वेषभूषा के साथ हाथ में कलछोर का शगुन लेकर भव्य स्वागत किया। इस दौरान गांव वाद्य यंत्रों की धुन से गूंज उठा। डिम्फुक के ग्रामीणों ने देवी देवताओं से सुख समृद्वि का आशीर्वाद लिया।
राजा घेपन ने भगाई बुरी आत्माएं,यात्रा का अंतिम पड़ाव,कोकसर के बाद रात्रि ठहराव डिंफुक में
