जाइका वानिकी प्रोजेक्ट के मॉडल को श्रीलंका करेगा फॉलो


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जापान में एक्सपोजर विजिट पर जा सकते हैं हिमाचल के स्वयं सहायता समूह
-तीन दिवसीय हिमाचल दौरे पर पहुंची जेंडर एक्सपर्ट नाकाजीमा और इनागाकी

-सीपीडी नागेश गुलेरियो बोले, जापान व श्रीलंका में हिमाचल जाइका वानिकी परियोजना की गूंज
तूफान मेल न्यूज,शिमला, पालमपुर। जाइका वानिकी परियोजना को अब भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका भी फॉलो करेगा। यह बात जाइका जापान से आई प्रतिनिधि एवं जेंडर एक्सपर्ट नाकाजीमा ने जिला कांगड़ा के रैत में आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल में जाइका वानिकी परियोजना बेहतर कार्य कर रही है। नाकाजीमा ने कहा कि हिमाचल में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं श्रीलंका की तुलना में अच्छा काम कर रही है। वे यहां की महिलाओं की भागीदारी देख नाकाजीमा काफी उत्साहित हुई। उन्होंने यहां उपस्थित विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं एवं पुरुषों से वन-टू-वन बात की। इस दौरान उन्होंने श्रीलंका में जाइका के तहत हो रहे कार्यों को सांझा किया।


नाकाजीमा ने कहा कि आने वाले समय में जाइका श्रीलंका की टीम हिमाचल में एक्पोजर विजिट करेगी। इसके साथ-साथ हिमाचल के स्वयं सहायता समूहों को जापान में एक्सपोजर विजिट का ऑफर भी दिया। उन्होंने हिमाचल के बेहतरीन कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों को जापान में एक्पोजर विजिट का ऑफर भी दिया। नाकाजीमा ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के नेतृत्व में हिमाचल में बेहतरीन कार्य हो रहे हैं। इस अवसर पर जाइका इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी ने भी महिलाओं को सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाया। रैत में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि हिमाचल जाइका वानिकी परियोजना की गूंज आज जापान के साथ-साथ श्रीलंका तक पहुंच चुकी है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल के ऐसे स्वयं सहायता समूह जो बेहतर कार्य करेंगे उन्हें जापान में एक्पोजर विजिट पर भी ले जा सकते हैं। नागेश कुमार गुलेरिया ने जापान की प्रतिनिधियों को अवगत करवाया कि आने वाले समय में प्रदेश के सभी वन मंडलों में आउटलैट खोले जाएंगे। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जल्द ही एक आउटलैट धर्मशाला में भी खोला जाएगा। रैत में आयाजित कार्यशाला में मौजूद विभिन्न सहायता समूहों के कार्यों को देख नागेश कुमार गुलेरिया ने खूब तारीफ की। इस अवसर पर डीएफओ धर्मशाला दिनेश शर्मा, अतिरिक्त परियोजा निदेशक जाइका डीके विज, सेवानिवृत वन सेवा अधिकारी बीके यादव, जीवन लाल टांक, प्रोग्राम मेनेजर मार्केटिंग विनोद शर्मा, प्रोग्राम मेनेजर जीआईएस रजनीश कुमार, नेहा चक्रवर्ती समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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पालमपुर के गोपालपुर में जाइका के आउटलैट्स

जाइका वानिकी परियोजना के उत्पाद अब पालमपुर में भी खरीदने को मिलेंगे। जापान से आई जाइका जापान की प्रतिनिधि एवं जेंडर एक्सपर्ट नाकाजीमा और जापान इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी ने गोपालपुर में आटलैट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने पूजा-अर्चना के साथ आउटलैट का शुभारंभ किया। ऐसे में अब गोपालपुर चिड़ियाघर के मुख्य द्वार पर स्थापित इस मार्केटिंग आउटलैट्स पर जाइका से जुडे स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री होगी। जहां पर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स उपलब्ध होंगे। जाइका वानिकी परियेाजना का अपना ब्रंाड हिमट्रेडिशन के तहत इस आउटलैट में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स, हिमाचली टोपी, शौल, आचार समेत कई अन्य उत्पादों की बिक्री होगी। नाकाजीमा और इनागाकी ने जाइका के हिमट्रेडिशन ब्रांड की भी तारीफ की। इस अवसर पर जाइका की प्रतिनिधि भी उपस्थित रही।
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नाकाजीमा ने महिलाओं को पढ़ाया सशक्तिकरण का पाठ

जापान की जेंडर एक्पर्ट नाकाजीमा ने जाइका वानिकी परियोजना से जुड़ी सभी महिलाओं को सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे राज्य में महिलाएं विभिन्न स्वयं सहायता समूह बनाकर अपनी आजीविका को सशक्त करने में आगे आ चुकी हैं। नाकाजीमा ने कहा कि अधिक से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह जाइका वानिकी परियोजना से जुड़ेंगे तो उनकी आर्थिकी मजबूत होंगी और जहर मुक्त ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स बेच कर लोगों की सेहत का भी ख्याल रखेंगी।
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ड्रोन से होगी कार्यों की निगरानी

जाइका वानिकी परियोजना ने शाहपुर रेंज के तहत दरिणी में ड्रोन के माध्यम से इस क्षेत्र में हो रहे कार्यों की निगरानी की गई। जाइका के पीएमयू जीआईएस रजनीश कुमार की देखरेख में यहां ड्रोन से करीब दो किलोमीटर के जंगलों को कैमरे में कैद किया। उन्होंने ड्रोन के माध्यम से हो रहे कार्यों के बारे मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया, जापान से आई प्रतिनिधियों समेत धर्मशाला वन मंडल के अधिकारियों को भी अवगत करवाया। इस अवसर पर जापान की प्रतिनिधि नाकाजीमा और इनागाकी ने इस कार्य की सराहना की।

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