जहां भाजपा सत्तासीन नहीं होती वह राज्य क्या राष्ट्रहित की सूची से बाहर हो जाता बताएं मोदी:इंदु पटियाल

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तूफान मेल न्यूज,कुल्लू। हाल में हुए पांच राज्यों में हुए चुनावों में संभावनाओं के बावजूद कांग्रेस हारी है किंतु भाजपा के छल और चक्रव्यूह के मध्य मुकाबले में एक जांबाज बहादुर बनकर कांग्रेस और उसके नेता ही खड़े थे और रहेंगे। सभी जानते हैं कि तमाम राज्यों में केंद्र ने ई डी और सीबीआई को हथियार बना कर इस्तेमाल किया है और राज्यों में नेताओं को वेमतलब की जांच पड़ताल में उलझाए रखा। स्वयम प्रधानमंत्री ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी, 1100 रू, में दिया जा रहा घरेलू गैस सिलेंडर 400 रु, में देने का आश्वासन दिया। ये अलग बात है कि आने वाले समय में 15 लाख रू, हरेक के खाते में जैसे यह एक जुमला भी हो सकता है। ये बयान प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता इंदु पटियाल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा राष्ट्र हित की बात करती है और मणिपुर की जनता को उसके हाल पे छोड़ देती है, हिमाचल प्रदेश की जनता को आपदा में लावारिस छोड़ देती है, दिल्ली, पंजाब की सरकारों को अस्थिर करने हेतु किसी भी सीमा तक जाने पर आमादा है। मोदी जी बताएं कि जहां भाजपा सत्तासीन नहीं होती तो बोह राज्य क्या राष्ट्रहित की सूची से बाहर हो जाता है ? इंडिया गठबंधन का संघर्ष इसी संकीर्ण मानसिकता के विरुद्ध है,सांप्रदायिक सौहार्द को बचाना है,सामाजिक न्याय स्थापित करने के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा ही गठबंधन का ध्येय है जो जनता के प्रति प्रतिबद्ध है, राष्ट्र को समर्पित निस्वार्थ संघर्ष और सेवा है। इसमें किसी को जय /पराजय से फर्क नहीं पड़ता। जिस कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई लड़ी, जिस परिवार के लोग प्रधानमंत्री रहते राष्ट्र हित के लिए शहीद हुए , जिन्होंने अपना सर्वस्व: देश को समर्पित किया। उनके पूर्वजों को अमितशाह भारत की संसद में गलत साबित करने में लगे हैं और मोदी जी हर मंच पर गांधी परिवार को घेरते रहते हैं, कारण ? सिर्फ यही कि भयभीत हैं इनकी लोकप्रियता से। जब इनसे पूछा जाता है कि आजादी की लड़ाई में ये पार्टी कहां थी तो जवाब मिला कि पैदा ही नहीं हुए थे। प्रदेश प्रवक्ता ने पूछा है कि यदि आप पैदा नहीं हुए थे तो तत्कालीन परिस्थितियों पर देश के चाचा नेहरू को दोष देने का अधिकार आपको किसने दिया ? ऐसा कहकर भाजपाई संसद ही नहीं बल्कि भारतवर्ष के गौरव को ठेस पहुंचा रहे हैं, गरिमा को भंग कर रहे हैं जो निंदनीय है।

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