तूफान मेल न्यूज,मनाली।
कुल्लू दशहरा में जिला भर आए लगभग 25 देवी देवताओं को उनके स्थानों से जिला प्रशासन द्वारा जबरन हटाना ठीक नहीं है।यह बात पूर्व शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर ने कही।उन्होंने बताया कि यह सीधे देव समाज का अपमान है।

उन्होंने बताया कि प्रशासन का यह रबैया हमारी संस्कृति अतिथि देवो भव: के बिलकुल विपरीत है।उन्होंने दशहरा स्थल से देवी देताओं को जूतों समेत घुस कर बल पूर्वक उनके तम्बू उखाड़ना तथा उनके रथों को जबरन उनके बैठने के स्थल से हटाने की प्रशासन की कड़ी निंदा की। गोविंद ठाकुर ने बताया कि दशहरा कमेटी को इनको पूर्व में सूचना दे कर देवी देवताओं को सूचना देनी चाहिए थी परन्तु दशहरा में बुला कर इस तरह देवी देताओं को अपमानित नहीं करना चाहिए था ।उन्होंने दशहरा कमेटी की इस कृत्य के लिए कड़ी निंदा की।पूर्व मंत्री ने बताया कि यह देवी देवता बर्ष 2018 से दशहरा
उत्सव की शोभा बढ़ा रहे है।

उन्हे बकायदा दशहरा कमेटी की तरफ से तम्बू उपलब्ध करवाए जाते रहे हैं। ऐसे में बल पूर्वक इन देवी देवतों को उनके स्थानों से हटाना निंदनीय है। गोविंद ठाकुर ने बताया कि दशहरा में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना अच्छी बात है परंतु देवी देवताओं के अपमान की कीमत पर यह सहन नहीं होगा।उन्होंने ने दशहरा कमेटी के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर के उस ब्यान की भी याद दिलाई जिस में उन्होंने जिस देवता को अटेची वोह खुश जिसको अटेची नहीं वोह नाराज़ की बात कही थी। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को ले कर वोह पूर्णतया देव समाज के साथ हैं। उन्होंने दशहरा कमेटी को इस विवाद को तुरंत सुलझाने को कहा है।ताकि घाटी के देवी देवताओं का मन सम्मान बना रहे।उन्होंने बताया कि वोह विधान सभा चुनावों के दृष्टिगत अभी राजस्थान में हैं। परन्तु देवी देवताें के मान सम्मान के लिए वोह हमेशा देव समाज के साथ हैं।