तूफान मेल न्यूज,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में लगातार बढ़ रहे स्क्रब टायफस के मामलों के चलते एडवाइजरी पहले से ही जारी की जा चुकी है।
प्रदेश सरकार भी इसको लेकर अलर्ट जारी कर चुकी है। बावजूद इसके मामलों में बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है। बता दे कि अब तक प्रदेश में 700 अधिक मरीज स्क्रब टायफस की चपेट में आ चुके हैं। बड़ी बात है कि स्क्रब टायफस अब जानलेवा होता जा रहा है।
राज्य में अब तक स्क्रब टायफस के 5,218 टेस्ट किए गए हैं। जिनमें 723 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि पांच लोगों की मौत हो चुकी है। स्थिति को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षकों को दवाइयों का स्टॉक रखने के लिए कहा है।
स्क्रब टाइफस क्या है?
स्क्रब टायफस का बुखार खतरनाक जीवाणु रिक्टेशिय (संक्रमित माइट पिस्सू) के काटने से फैलता है। यह जीवाणु लंबी घास व झाड़ियों में रहने वाले चूहे, छछूंदर के शरीर पर रहने वाले पिस्सुओं में पनपते हैं। इन पिस्सुओं के काटने से यह बीमारी होती है।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
बुखार के साथ ठंड लगना, सिर दर्द, शरीर में दर्द, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द होने के साथ गंध और स्वाद का पता न लगना प्राथमिक लक्षण हैं। बीमारी का शुरू में पता नहीं चलता। हालत बिगड़ने लगती है। स्क्रब टाइफस से संक्रमण की पुष्टि समय से होने पर मरीज को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन की दवाएं दी जाती हैं। नियमित इलाज से मरीज के ठीक होने की संभावना भी रहती है।