चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने की चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिग


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तूफान मेल न्यूज, कुल्लू।
भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिग कर ली है। चांद के इस हिस्से में यान उतारने वाला भारत पहला देश बन गया है। जबकि चांद के किसी भी हिस्से में यान उतारने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह कामयाबी मिली है।

अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे। तब रूस के नाम हो जाता यह रिकॉर्डभारत से पहले रूस चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 यान उतारने वाला था। 21 अगस्त को यह लैंडिंग होनी थी, लेकिन आखिरी ऑर्बिट बदलते समय रास्ते से भटक गया और चांद की सतह पर क्रैश हो गया।

चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।

केवल 600 करोड़ के खर्च में चांद पहुंचा चंद्रयान
केवल 600 करोड़ के खर्च में भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग को देखकर केवल देश के लोग ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोग काफी उत्साहित हैं। 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 20 मिनट से ही देश की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO मिशन मून का लाइव प्रसारण कर रहा है।

इसरो के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर चंद्रयान 3 के लैंडिंग के पूरे प्रोसेस का प्रसारण किया जा रहा है। इसके साथ ही नैशनल टीवी चैनल दूरदर्शन पर भी इसका लाइव प्रसारण किया जा रहा है।

14 जुलाई को चंद्रयान-3 ने भरी थी उड़ान
14 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर भारत का मून मिशन चंद्रयान चांद पर पहुंचने के लिए उड़ान भर दी थी। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM-3 M4 रॉकेट चंद्रयान-3 को लेकर रवाना हुआ था। इसके बाद मिशन चंद्रयान को कई दौर से गुजरना पड़ा। पृथ्वी से दूर कई बार चंद्रयान ने ऑर्बिट में घूमते हुए कक्षाएं बदली थी।

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