Deprecated: Creation of dynamic property Sassy_Social_Share_Public::$logo_color is deprecated in /home2/tufanj3b/public_html/wp-content/plugins/sassy-social-share/public/class-sassy-social-share-public.php on line 477
सैंज की दोनों परियोजना भी इस तबाही की जिम्मेदार
वन क्षेत्र में दी जाए प्रभावित परिवारों को भूमि
तूफान मेल न्यूज, कुल्लू।
देखें वीडियो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हिमाचल प्रदेश में जुलाई माह में आई बाढ़ ने अब एक नया सबक दिया है। ऐसे में अब सरकार को भी इस दिशा में गंभीरता से काम करना होगा। ताकि आगामी समय में बाढ़ के चलत करोड़ों रुपए का नुकसान न उठाना पड़े। ढालपुर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह ने कहा कि जिला कुल्लू के सैंज में भी पार्वती परियोजना और एचपीपीसीएल परियोजना के द्वारा बड़ी लापरवाही बरती गई। जिसके चलते आज सेंजनका बाजार तबाह हो गया है। गुमान सिंह ने कहा कि जब उन्होंने लोगों से मुलाकात की। तो पता चला कि दोनों परियोजनाओं ने पानी छोड़ा और उनके सायरन काम नहीं कर पाए। लेकिन अब दोनों परियोजनाओं के पानी छोड़ने से जो तबाही हुई वह आज सबके सामने है। आज करोड़ों रुपए का नुकसान सैंज के लोगों को हुआ है। ऐसे में अब सरकार को भी चाहिए कि वह दोनों परियोजनाओं के आर एंड आर प्लान के माध्यम से प्रभावितों को विस्थापन व पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध करवाए। इस बात को प्रदेश की सरकार को सुनिश्चित करना होगा। ताकि प्रभावित परिवार फिर से विस्थापित हो सके। गुमान सिंह ने कहा कि इसके अलावा भी जिला कुल्लू के विभिन्न बाढ़ ग्रस्त इलाकों का भी अपनी टीम के साथ द्वारा कर रहे हैं और लोगों की समस्या को भी सुन रहे हैं। सब जगह यही बात देखने को मिल रही है कि जगह जगह पर नदी किनारे अवैध डंपिंग की हुई थी और बाढ़ के चलते सारा मलबा इस तबाही का कारण बना है। प्रदेश सरकार ने अगर पहले से ही इस पूरे मामले पर नजर बनाकर रखी होती तो आज लोगों को अपने घरों से बेघर ना होना पड़ता। उन्होंने कहा कि सैंज में अब जल्द ही पार्वती परियोजना चरण 2 का पानी भी आने वाला है और इससे उस नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ जाएगा। सैंज में मलबा आने के चलते पहले ही नदी काफी ऊपर उठ चुकी है। ऐसे में पूरे सैंज को डेंजर जोन घोषित किया जाना चाहिए। इसके अलावा वन अधिकार नियम के तहत भी प्रभावित परिवारों को क्षेत्र में भूमि का प्रावधान किया जाना चाहिए। क्योंकि यह सभी भारत के नागरिक है और भारत का लोकतंत्र सभी लोगों को एक समान अधिकार देने की भी क्षमता रखता है।