जहां न पहुंचे रवि,वहां पहुंचे कवि:करटाह गांव के चार परिवार 13 दिनों से रह रहे हैं एक टेंट में

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उत्तम राम और सेस राम का परिवार चादर के खोखे में रहने को मजबूर
तूफान मेल न्यूज, करटाह। चारों तरफ तबाही का मंजर है। हजारों लोगों तक राहत पहुंचाने का कार्य जोरों पर है। सरकार व प्रशासन दिन-रात राहत कार्य में जुटे हुए हैं। इस बीच भारी तबाही के कारण कई जगह सरकार प्रशासन का ध्यान नहीं गया तो इसमें आलोचना नहीं होनी चाहिए बल्कि प्रशासन तक इसकी सूचना पहुंचानी चाहिए। तभी कहते हैं जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि और आज पत्रकार रूपी कवि सैंज घाटी के करटाह पहुंचे हैं। जहां चार परिवार 13 दिनों से एक टेंट के नीचे रह रहे हैं जिसे गांव के लोगों ने बनाकर दिया है।


10 जुलाई को पिन पार्वती नदी में आई वाढ़ से करटाह गांव के चार परिवारों के रिहायशी मकान बाढ़ की भेंट चढ़े हैं। पिन पार्वती नदी में आई बाढ़ ने पल भर में 4 परिवारों के मकानों का नामोनिशान मिटा दिया है और चारों परिवारों को बेघर कर टैंटों में रहने को मजबूर किया है।
प्राकृतिक आपदा के 13 दिन बीत जाने के बावजूद प्रशासन का ध्यान करटाह गांव में पूर्ण रूप से विस्थापित हुए 4 परिवारों की ओर नहीं गया है जिस कारण करटाह गांव के चार परिवार चादर के शैड में बीते 13 दिनों से जीवन यापन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने पूर्ण रूप से विस्थापित हुए उतम राम, वीना देवी व सेस राम के परिवार को चादर का आशियाना बना कर दिया है जिसमें तीन परिवार के लोग बीते 13 दिनों से टैंट में रहने को विवश है ।

बता दें कि करटाह गांव में पूर्ण रूप से 4 परिवार वेघर हो गए हैं लेकिन अन्य कई परिवारों को भी भारी नुकसान हुआ है। करटाह गांव के वार्ड सदस्य यशपाल ठाकुर ने बताया कि करटाह गांव के चार परिवार 13 दिनों से चादर के शैड में अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। इन चार परिवारों में से प्रशासन ने दो परिवारों को एक- एक लाख रुपये राहत राशि देकर भगवान् भरोसे छोड़ दिया है और अन्य दो परिवारों को अभी तक ना तो राहत राशि प्रदान की है और ना ही खाद्य सामग्री के अलावा रजाई तलाई कंबल बेडशीट तथा तिरपाल तक नही मिली है। उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने उतम राम पुत्र लालू राम व वीना देवी पत्नी सुशील कुमार आदि को राहत राशि के तौर पर एक -एक लाख रुपये वुधवार को दिए है जवकि राम सिह सपुत्र नरपत सिह व सेस राम पुत्र उत्तम राम को ना तो सरकार की ओर से मिलने वाली नगद राशि एक-एक लाख रुपये राहत राशि के तौर पर दी है और ना ही खाद्य सामग्री के अलावा रजाई तलाई कंबल बेडशीट सहित तिरपाल तक दी है जिसे वे अपना अस्थाई आशियाना वना सके। वार्ड सदस्य यशपाल ने बताया कि राम सिंह सुपुत्र नरपत सिंह का 1 मंजिला मकान जिसमें 2 कमरे सहित किचन बाथरूम था तथा यशपाल पुत्र उत्तम राम का 3 मंजिला रिहायशी पक्का मकान जिसमें 10 कमरे थे जिन्हें प्रशासन की ओर से अभी तक फूटी कौड़ी तक नहीं दी गई है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि इन परिवारों की भी सूध ली जाए और फौरी राहत के अलावा तिरपाल,खाद्य सामग्री व किचन किट आदि दी जाए।

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