जंगलों में गिरे पेड़ को 3 माह में पहुंचाया जाएगा डिपो
तूफान मेल न्यूज, कुल्लू।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार जहां आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही है। तो वहीं हिमाचल प्रदेश की पिछडी पंचायतों में भी अब जल्द ही जनरल हाउस आयोजित किए जाएंगे। पिछड़ी पंचायतों में जनरल हाउस के माध्यम से जलावन लकड़ी के बारे में भी डिमांड मांगी जाएगी। ताकि वन निगम के द्वारा सभी पिछड़ी पंचायतों में समय पर जलावन लकड़ी की खेप को पहुंचाया जा सके। यह बात ढालपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के प्रदेश उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने कही। प्रदेश उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने बताया कि इसके अलावा कांग्रेस सरकार अब प्रदेश के जंगलों में गिरे हुए पेड़ों को भी डिपो तक पहुंचाने के लिए नई व्यवस्था के तहत काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के जंगलों में बेशकीमती पेड़ों की लकड़ी सड़ रही है और अब सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया जा रहा है कि किसी भी कीमत पर उस लकड़ी को 3 माह के भीतर डिपो में पहुंचाया जाएगा। केहर सिंह का कहना है कि जंगल में लकड़ी खराब होने के चलते प्रदेश सरकार को भी राजस्व में काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में अब इस दिशा में भी प्रदेश सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर होने की दिशा में काम कर रही है और इसके लिए हिमाचल प्रदेश के जंगल जल और पर्यटन को माध्यम बनाया जाएगा। इसके तहत सरकार काम कर रही है और आने वाले 10 सालों में हिमाचल प्रदेश को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पिछड़ी पंचायतों में जलावन लकड़ी की मांग को लेकर वह जगह ज्यादा अधिकारियों के साथ दौरा भी कर रहे हैं और अधिकारियों से भी इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है। ताकि वन निगम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को फायदा मिल सके और वन विभाग को भी जंगलों में गिरे हुए पेड़ के माध्यम से राजस्व मिल सके।
प्रदेश की पिछड़ी पंचायतों में पहुंचाई जाएगी जलावन लकड़ी: केहर सिंह
