टाइगर हिल पर तिरंगा लहराते ही हिल गया था पाकिस्तान,18 ग्रेनेडियर ने ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर के नेतृत्व में टाइगर हिल पर लहराया था तिरंगा
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हवलदार योगेंद्र यादव को अदम्य साहस के लिए मिला है परमवीर चक्र
टाइगर हिल के लिए 44 जवानों ने पीया था शहादत का जाम
तूफान मेल न्यूज कुल्लू।
17 हजार फिट ऊंची टाइगर हिल पर तिरंगा लहराते ही पाकिस्तान की कमर टूट गई। दुश्मन टाइगर हिल की चोटी पर था और वहां से दुश्मन सीधे श्रीनगर, द्रास, कारगिल व लेह मार्ग पर गोलाबारी कर बाधा पहुंचा रहा था।चार जुलाई 1999 का वो दिन आज भी हर भारतीय को याद है जब 18 ग्रेनेडियर ने टाइगर हिल को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाकर वहां पर अपना तिरंगा फहराया था।

टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने के लिए देश के करीब 44 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। 15 मई से लेकर 2 जुलाई तक 8 सिख के जवानों टाइगर हिल की घेरे बंदी करके रखी। इसके बाद टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने का जिम्मा 18 ग्रेनेडियर को दिया था। 17 हजार फिट ऊंची टाइगर हिल के लिए 18 ग्रेनेडियर ने करीब 36 घंटे आपरेशन चलाया और टाइगर हिल पर तिरंगा लहराया। 18 ग्रेनेडियर का नेतृत्व सेवानिवृत्त ब्रिग्रेडियर खुशहाल ठाकुर ( तत्तकालीन कर्नल ) ने किया। खुशहाल ठाकुर ने बताया कि 18 ग्रेनेडियर की कमाड़ों टीम की अगुवाई कैप्टन बलवान सिंह ने की। 36 घंटे चले इस आपरेशन के लिए 18 ग्रेनेडियर के जवानों के अपने खाने के सामान को कम करने उस स्थान पर भी अलसा और बारूद भर लिया। टाइगर हिल को कब्जाने के लिए हवलदार योगेंद्र यादव ने लहुलूहान और बुरी तरह घायल होने के बावजूद दुश्मनों की कई चौकिंयों को तबाह कर दिया। इसी वीरता के लिए हवलदार योगेंद्र यादव को देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परम वीर से नवाजा गया। 18 ग्रेनेडियर की कमाड़ों टीम का नेतृत्व करने वाले कैप्टन बलवान सिंह को महावीर चक्र से सम्मानित किया।

टाइगर हिल पर तिरंगा फहराने लिए कैप्टन सचिन और हवलदार मदन लाल को वीरचक्र से नवाजा गया। टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने के लिए चले 36 घंटे के आपरेशन में 18 ग्रेनेडियर के 9 जवान शहीद हुए। कारगिल युद्ध में अदम्य साहस के लिए 18 ग्रेनेडियर को 52 वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। 18 ग्रेनेडियर का नेतृत्व करने वाले तत्तकालीन कर्नल खुशहाल ठाकुर को युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया। खुशहाल ठाकुर ने बताया कि टाइगर हिल की लड़ाई बहुत कठिन थी।

17000 फिट की ऊंचाई पर आक्सीजन की कमी थी, सुखी और पत्थरीली सीधी चढ़ाई थी, दुश्मन चोटी पर था और छिपने के लिए एक घास का तिनका तक नहीं था। खुशहाल ठाकुर ने बताया कि जैसे ही टाइगर हिल पर भारतीय सेना ने तिरंगा लहराया पाकिस्तान की कमर टटू गई और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज मुशरफ अमेरिका के राष्ट्रपत्ति बिलक्लींटन के पास गए और उनसे बिना शर्त युद्ध विराम की गुहार लगाई। लेकिन भारत के तत्तकालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि जब तक भारत की सीमा से घुसपैठियों के खदेड़ नहीं दिया जाएगा। तब तक युद्ध विराम नहीं होगा। इस युद्ध में पाकिस्तान के मेजर ईकबाल और कैप्टन कसाल शैर खान की मारे गए थे।